भाव सिद्धि/भाव कब एक्टिवेट होगा मतलब उस भाव के फल आपको मिलने लग जाएंगे !
1. जब गोचरवश लग्नेश और भावेश एक दूसरे को देखे या युति करें !
2. जब भाव का कारक ग्रह उस स्थान पर गोचर वश आए जहाँ आपका लग्नेश बैठा है या चंद्रमा बैठा है !
जैसे विवाह का कारक शुक्र पुरुष की कुंडली में, संतान का कारक गुरु
3. भाव का स्वामी जिस राशि में जिस अंश पर हो उससे त्रिकोण में गोचरवश जब लग्नेश आये !
4. लग्नेश जिस राशि और अंश पर हो उससे त्रिकोण में जब गोचरवश भावेश आये !
5. जब लग्नेश गोचरवश भाव से गुजरे !
#महादशा नाथ और अंतर्दशा नाथ के नक्षत्र लिखे
महादशा नाथ जिस नक्षत्र में स्तिथ हो वहाँ से अंतर्दशा नाथ के नक्षत्र तक गिने यदि 9 से अधिक आये तो 9 से भाग दें और शेष फल देखें ! यदि शेष 3,5,7 आये तो अंतर्दशा ज्यादा शुभ नहीं
6,8,12 भाव में कौनसे नक्षत्र है
लग्न, सूर्य और चंद्र के नक्षत्र से जब चन्द्र गुजरे तो कोई गलत काम न करे शुभ कार्य करें !
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