जेलयात्रा योग, निवारण उपाय
जेलयात्रा योग, निवारण उपाय
किसी भी कुंडली में सितारों की स्थिति ये भी बता देती है कि जेल यात्रा (jail jane ka yog) के योग है या नहीं ? जी हाँ, कुंडली में सूर्य, शनि, मंगल और राहु-केतु जैसे पाप ग्रह बता देते हैं कि किसी व्यक्ति की कुंडली में जेल जाने के योग है या नहीं। अगर किसी की कुंडली के छठें आठवें या बारहवें भाव में पाप ग्रह होते है तो ऐसे लोगों को जीवन में एक न एक बार जेल यात्रा करनी पड़ती है। कुंडली के छठे आठवें और बारहवें भाव से जेल जाने के योग बनते हैं।
कब बनते हैं जेल जाने के योग?
कुंडली के बारहवें भाव से भी कारावास का विचार किया जाता है। कुंडली के इस घर में वृश्चिक या धनु राशी का राहु हो तो उसके अशुभ प्रभाव के कारण
व्यक्ति को किसी बड़े अपराध के कारण जेल जाना पड़ता है।
कुंडली के बारहवें घर में वृश्चिक राशी होने के साथ अगर राहु और शनि होते है तो कोर्ट कचहरी के मामलों में हारने के बाद जेल जाना पड़ता है।
कर्क राशी स्तिथ मंगल कुंडली के छठे घर में होने से जेल यात्रा के योग बनाता है।
अगर कुंडली में मंगल और शनि एक दूसरे को देख रहें हो तो लड़ाई झगड़े के कारण व्यक्ति को जेल जाना पड़ेगा।
अगर कुंडली में नीच का मंगल हो और मेष राशि का शनि, मंगल को देखता भी हो तो भी जेल जाने के योग बनते हैं।
पराक्रम भाव एवं अष्टम भाव का स्थान परिवर्तन, भावेश द्वारा द्रष्टि सम्बन्ध, भावईश् की दशा-प्रत्यंतर, ग्रह गोचर द्वारा दुर्भाग्य उद्दीपन होने पर जेल जाने की स्तिथि प्रबलता से बनती है।
लग्नेश या लग्न पर मार्केष् वक्री ग्रह की दृष्टि प्रभाववश
जन्म कुंडली पत्रिका में उपर्युक्त किसी भी ग्रहदोष स्तिथि का निर्माण होने पर समय विशेष की पुष्टि द्वारा जातक कर्मस्तिथिवश कोर्ट कचहरी, मुक़दमे, फौजदारी, सामाजिक अपयश या जेलयात्रा अवश्य संभावी होती है। ऐसी किसी भी स्तिथि के ज्ञात होने पर ज्योतिष अनुसन्धान में ग्रहदोष निवारण वैदिक उपाय द्वारा अशुभता को काफी हद तक निम्न किया जा सका है।
सावधानिया, जेलयात्रा बचाव के उपाय:
घटना के पूर्व ही:
ग्रहदोष शांति उपाय
दुर्भाग्य नाशक यंत्र – मन्त्र
सांकेतिक जेलयात्रा
बचाव, जेल जाने योग्य कर्म घटित होने के पश्चात्:
प्रायश्चित प्रक्रिया – शारीरिक पंचतत्व संतुलन
दुर्भाग्य नाशक यंत्र – मन्त्र
जेल स्तिथि बन जाने पर
प्रायश्चित प्रक्रिया – सामाजिक संतुलन
प्रायश्चित प्रक्रिया – पर्यावरण संतुलन
प्रायश्चित प्रक्रिया – शारीरिक पंचतत्व संतुलन
शत्रु वशीकरण तंत्र
दुर्भाग्य नाशक यंत्र – मन्त्र
सभी उपाय योग्य ज्योतिष जानकार विद्वान के सानिध्य में शास्त्र सम्मत विधि द्वारा पूर्णरूप से सम्पादित करने पर जीवन कष्ट स्तिथि में शुभ बदलाव को तत्काल सहजता से पाया जा सकता है।
जेलयात्रा योग, निवारण उपाय
किसी भी कुंडली में सितारों की स्थिति ये भी बता देती है कि जेल यात्रा (jail jane ka yog) के योग है या नहीं ? जी हाँ, कुंडली में सूर्य, शनि, मंगल और राहु-केतु जैसे पाप ग्रह बता देते हैं कि किसी व्यक्ति की कुंडली में जेल जाने के योग है या नहीं। अगर किसी की कुंडली के छठें आठवें या बारहवें भाव में पाप ग्रह होते है तो ऐसे लोगों को जीवन में एक न एक बार जेल यात्रा करनी पड़ती है। कुंडली के छठे आठवें और बारहवें भाव से जेल जाने के योग बनते हैं।
कब बनते हैं जेल जाने के योग?
कुंडली के बारहवें भाव से भी कारावास का विचार किया जाता है। कुंडली के इस घर में वृश्चिक या धनु राशी का राहु हो तो उसके अशुभ प्रभाव के कारण
व्यक्ति को किसी बड़े अपराध के कारण जेल जाना पड़ता है।
कुंडली के बारहवें घर में वृश्चिक राशी होने के साथ अगर राहु और शनि होते है तो कोर्ट कचहरी के मामलों में हारने के बाद जेल जाना पड़ता है।
कर्क राशी स्तिथ मंगल कुंडली के छठे घर में होने से जेल यात्रा के योग बनाता है।
अगर कुंडली में मंगल और शनि एक दूसरे को देख रहें हो तो लड़ाई झगड़े के कारण व्यक्ति को जेल जाना पड़ेगा।
अगर कुंडली में नीच का मंगल हो और मेष राशि का शनि, मंगल को देखता भी हो तो भी जेल जाने के योग बनते हैं।
पराक्रम भाव एवं अष्टम भाव का स्थान परिवर्तन, भावेश द्वारा द्रष्टि सम्बन्ध, भावईश् की दशा-प्रत्यंतर, ग्रह गोचर द्वारा दुर्भाग्य उद्दीपन होने पर जेल जाने की स्तिथि प्रबलता से बनती है।
लग्नेश या लग्न पर मार्केष् वक्री ग्रह की दृष्टि प्रभाववश
जन्म कुंडली पत्रिका में उपर्युक्त किसी भी ग्रहदोष स्तिथि का निर्माण होने पर समय विशेष की पुष्टि द्वारा जातक कर्मस्तिथिवश कोर्ट कचहरी, मुक़दमे, फौजदारी, सामाजिक अपयश या जेलयात्रा अवश्य संभावी होती है। ऐसी किसी भी स्तिथि के ज्ञात होने पर ज्योतिष अनुसन्धान में ग्रहदोष निवारण वैदिक उपाय द्वारा अशुभता को काफी हद तक निम्न किया जा सका है।
सावधानिया, जेलयात्रा बचाव के उपाय:
घटना के पूर्व ही:
ग्रहदोष शांति उपाय
दुर्भाग्य नाशक यंत्र – मन्त्र
सांकेतिक जेलयात्रा
बचाव, जेल जाने योग्य कर्म घटित होने के पश्चात्:
प्रायश्चित प्रक्रिया – शारीरिक पंचतत्व संतुलन
दुर्भाग्य नाशक यंत्र – मन्त्र
जेल स्तिथि बन जाने पर
प्रायश्चित प्रक्रिया – सामाजिक संतुलन
प्रायश्चित प्रक्रिया – पर्यावरण संतुलन
प्रायश्चित प्रक्रिया – शारीरिक पंचतत्व संतुलन
शत्रु वशीकरण तंत्र
दुर्भाग्य नाशक यंत्र – मन्त्र
सभी उपाय योग्य ज्योतिष जानकार विद्वान के सानिध्य में शास्त्र सम्मत विधि द्वारा पूर्णरूप से सम्पादित करने पर जीवन कष्ट स्तिथि में शुभ बदलाव को तत्काल सहजता से पाया जा सकता है।
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