तांत्रिक अभिचार और बचाव
किया कराया से अपनी सुरक्षा कैसे करें
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सामान्यतया हम सभी भूत-प्रेत ,आत्माओं ,देवी-देवता ,शकुन-अपशकुन ,टोन टोटके के बारे में जानते हैं |इनके द्वारा प्रभावित लोगों के बारे में सुनते और देखते भी हैं पर इनसे भी बड़ी समस्या हर समय में तांत्रिक अभिचार की रही है |यह दिखाई नहीं देता ,समझ में नहीं आता ,विश्वास नहीं होता ,मानते नहीं हैं ,घमंड में रहते हैं की हम तो इतना पूजा -पाठ करते हैं ,ये ये देवता -मूर्ती घर में है ,हमें ये कुछ नहीं हो सकता ,हमको प्रभावित नहीं कर सकता |पर स्थिति बिलकुल उलट होती है |अक्सर लोग इन्ही से प्रभावित होते हैं और सोचते हैं की भाग्य का दोष है ,पित्र या देवता का दोष है |अधिकतर मामलों में ऐसा नहीं होता |कारण अभिचार और टोन-टोटके होते हैं ,जो अच्छे भले ,खुशहाल परिवार को पतन और कष्ट में डाल देते हैं |हमने आचे-अच्छे साधकों ,पंडितों ,कर्मकांडियों ,दुर्गा पाठियों तक को इनसे पीड़ित देखा है |इनका निराकरण कर पाने में वे सक्षम नहीं रहे |क्योकि यह ऊर्जा प्रक्षेपण की विद्या होती है ,और इसे सामान्य तरीकों से नहीं हटाया जा सकता |
अक्सर लोगों की शिकायत होती है की उनके भाग्य में जो जो ख़ुशी या उन्नति ज्योतिषी बताते हैं वह नहीं मिलता |हाँ जो वह बुरा बताते हैं वह जरुर होता है |इसमें दोष ज्योतिषी का नहीं होता |वह सही होते हैं ,किन्तु आपके भाग्य का आपको पूरा नहीं मिलता ,इसका कारण है की आप नकारात्मक ऊर्जा ,जैसे अभिचार से प्रभावित होते हैं जिससे आप समय पर वह लाभ नहीं ले पाते ,उन्नति नहीं कर पाते जबकि सर्वाधिक उन्नति और सफलता हो सकती है |अभिचार और नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से व्यक्ति की सोच बदल जाती है ,तनावग्रस्त होता है ,निर्णय की क्षमता प्रभावित होती है ,सही समय सही निर्णय नहीं होते ,कलह और मतभेद ,विवाद अनायास होते रहते हैं ,रोग-शोक की स्थिति रहती है ,आकस्मिक दुर्घटनाएं होती हैं ,मन विचलित होता है ,खुशियों में भी अनजाना तनाव पसरा रहता है |कोई न कोई समस्या लगी रहती है |परिवार-बच्चो-पत्नी-पत्नी -सगे सम्बन्धियों को कोई न कोई समस्या रहने से उन्नति की और लगने वाला बहुमूल्य समय इनके लिए नष्ट करना होता है |फलतः उन्नति और सफलता नहीं मिलती जबकि ग्रह स्थितियों से व्यक्ति को उस समय मिलनी चाहिए ,किन्तु परिवार और परिस्थिति नकारात्मक ऊर्जा और अभिचार के कारण अनुकूल नहीं होती और व्यक्ति चाहकर भी अवसर को नहीं पकड़ पाता |यह अभिचार घर-परिवार का माहौल ऐसा बना देते हैं की व्यक्ति उलझता चला जाता है और क्रमशः पतन की और अग्रसर हो जाता है |कोई माने या न माने पर ऐसा अधिकतर मामलों में हमने देखा है |यह हमारी व्यावसायिक दृष्टि नहीं अपितु TANTRA क्षेत्र का ३० सालों का नुभव है ,जो हमने देखा ,जो हमारे यहं आने वालों की स्थिति पायी वह लिख रहे हैं |
आज के समय लोग अपनी ख़ुशी से खुश होने की बजाय पडोसी ,रिश्तेदार की उन्नति से दुखी अधिक होते हैं |नजदीक वाले ही सबसे अधिक कष्ट में होते हैं जब आप अपनी मेहनत, भाग्य और कर्म के सहारे उन्नति कर रहे होते हैं तो |यही सबसे अधिक टांग खीचने की कोशिस करते हैं |कभी कभी दुसरे भी इस तरह की क्रिया करते करवाते हैं जहाँ भी हितों का टकराव हो अथवा दुश्मनी हो |पर अधिकतर मामलों में विद्वेष और ईर्ष्या ही होती है |यह लोग अक्सर सामने आने से बचना चाहते हैं और चाहते हैं की सामने वाले का नुक्सान भी हो जाए ,उसकी उन्नति भी रुक जाए और कोई जाने भी नहीं |अक्सर ऐसे कामों के लिए यह लोग तांत्रिकों ,ओझाओं ,गुनियों का सहारा लेते हैं जो गाँव -गाँव ,गली -गली होते हैं |इन तांत्रिकों ,ओझाओं ,गुनियों में दिव्य दृष्टि तो होती नहीं और उन्हें इससे मतलब भी कम ही होता है |जो व्यक्ति जाकर कहता है उस पर विशवास कर लेते हैं |अक्सर लोग उन्हें गलत सूचनाये देते हैं और खुद को पीड़ित बताते हैं ,बचाव में सामने वाले की अहित की कामना से क्रिया करने का आग्रह करते हैं ,अक्सर पैसों के लालच में कुछ लोग कर भी देते हैं |
कुछ लोग इसके लिए पहले तांत्रिकों का विशवास जीतते हैं और उनसे सम्बन्ध विक्सित करने के बाद इस तरह की क्रियाएं करवाते हैं |कुछ लोग उनसे क्रियाएं पूछकर करते हैं |कुछ लोग बाजार में मिलने वाले टोन-टोटके की किताबों के सहारे भी टोटके करते रहते हैं | इस मामलों में महिलायें अधिक शामिल होती हैं और तांत्रिकों ,ओझाओं की शरण यह अधिक लेती हैं |कभी -कभी किसी -किसी को कोई बाधा अनायास प्रभावित कर देती है तो उसके लिए उसे खुद पूरी तरह समाप्त करने की बजाय लोग दुसरे पर स्थानांतरित कर देते हैं ,यह भी कई मामलों में देखा जाता है |ऐसा अक्सर महिलाओं अथवा नवविवाहिताओं के साथ होता है |बच्चा न होने पर बच्चे वाले पर क्रिया कर दी जाती है |किसी की जलन वश कोक्ष बाँध दी जाती है की बच्चा न हो |किसी दाम्पत्य जीवन बिगाड़ने का प्रयास जलन में होता है |भूत-प्रेत ,अला -बला तो दिया जाना आम बात है |अधिकतर मामलों में व्यक्ति इन्ही सबसे प्रभावित होता है |
जब व्यक्ति पर अभिचार किया जाता है चाहे कैसे भी किया जाए ,तो यह एक नकारात्मक ऊर्जा का प्रक्षेपण होता है ,जिसका लक्ष्य और उद्देश्य निश्चित करके क्रिया की जाती है |क्रिया के बाद सम्बंधित ऊर्जा व्यक्ति अथवा परिवार को प्रभावित करने लगती है |बहुत अच्छी ग्रह स्थितियों और सकारात्मक ऊर्जा की अधिकता अगर व्यक्ति में हो तो वह अप्रभावित रहता है किन्तु घर परिवार प्रभावित होने लगता है जिससे व्यक्ति पर भी अपरोक्ष प्रभाव आता है |अगर घर के देवता बहुत शक्ति शाली हैं और व्यक्ति कमजोर है तो व्यक्ति प्रभावित हो सकता है |दोनों के शक्तिशाली होने पर अभिचार अप्रभावी भी हो सकता है |यहाँ महत्व शक्ति संतुलन का होता है |अगर बहुत तीब्र शक्ति से अभिचार किया जाए तो अच्छे अच्छे भी प्रभावित हो जाते हैं |हमने कुछ शतचंडी तक करवाने वाले प्रकांड साधकों और कर्मकांडियों को भी अचानक इनसे प्रभावित होते देखा है |कारण की इस ऊर्जा प्रक्षेपण की कार्यप्रणाली बिलकुल भिन्न और अलग होती है जो लक्ष्य को प्रभावित कर ही देती है अगर भेजने वाले में शक्ति हो |कभी कभी तो लोगों के पूजा घरों तक में इनके प्रभाव से खुद आग तक लग जाता पाया है |ऐसी शक्तियों की काट केवल TANTRA से ही संभव हो पाता है ,कहावत है लोहा ही लोहे को काटता है यहाँ बिलकुल सही बैठती है |कितु ऐसा बहुत कम और विशेष दुश्मनी वाली स्थिति में ही होता है |सामान्य रूप से तो टोटके और छोटे लक्ष्य या एक निश्चित लक्ष्य वाले अभिचार ही किये जाते हैं |
अभिचार की सबसे बड़ी दिक्कत इसका जल्दी पकड़ में न आना है |लोग समझ नहीं पाते की हो क्या रहा है ,क्यों उन्नति ,सफलता नहीं मिल रही ,क्यों रोग का कारण नहीं मिल रहा ,क्यों हर जगह असफलता मिल रही है ,क्यों इतना समस्या उत्पन्न हो रही है ,|डाक्टर कारण नहीं पकड़ पा रहा ,ज्योतिषी कुछ बताते हैं और हो कुछ और रहा है |क्यों घर में अभाव पसर गया है ,बचत गायब है ,कर्ज की स्थिति आ रही है ,अच्छा कमाने पर भी क्यों पूरा नहीं पड़ रहा |क्यों घर की खुशियाँ गायब और मनहूसियत उत्पन्न हो गई है |क्यों इतना कलह ,मतभेद ,विवाद हो रहा |क्यों किसी भी काम में दचन आ रही है |क्यों कोई मांगलिक कार्य नहीं हो पा रहा |क्यों बच्चे बिगड़ते जा रहे आदि आदि अनेक चिंताओं से घर वाले परेशान होते हैं पर हर प्रयास उनका असफल होता है |ऐसे मामलों में केवल और केवल अच्छा तांत्रिक ही सफल होता है और कारण पकड़ पाता है ,और कोई इसे नहीं पकड़ सकता |वाही उपयुक्त उपाय बता सकता है |यद्यपि छोटी टोन-टोटकों का प्रभाव कुछ समय में खुद कम होने लगता है किन्तु बड़े और विशेष लक्ष्य के लिए विशेष उद्देश्य से भेजे गए अभिचारों का प्रभाव उस उद्देश्य के रहते नहीं भी समाप्त हो सकता |किसी को कुछ खिला दिया गया है तो जब तक उसे निकाला नहीं जाएगा तब तक वह प्रभाव देता रहेगा |खिलाने पिलाने वाली वस्तुओं की खासियत होती है की यह भिजन के साथ नहीं पचती ,अपितु सालों साल आँतों में जगह बना पड़ी रहती हैं और व्यक्ति को प्रभावित करती रहती हैं |
अभिचार के कई प्रकार होते हैं |खुद किताबी या सुनी बातों पर किये जाने वाले टोटके |तांत्रिकों द्वारा बताये टोटके |किसी विशेष क्रिया के द्वारा खिला पिला कर किये जाने वाले टोटके |तांत्रिकों द्वारा करवाए गए प्रयोग |किसी व्यक्ति विशेष के लिए भेजी गई कोई शक्ति |दुश्मनी में करवाई गई प्राणघातक क्रिया आदि आदि |इनमे सामान्य टोटकों का प्रभाव तो टोटके तांत्रिक से जानकार समाप्त किया जा सकता है |पर खिला दिया जाने वाला वस्तु तांत्रिक ही निकाल पायेगा |अगर कोई शक्ति भेजी गई है तो उसे हटाना सबसे दुरूह कार्य होता है |वह वचन बद्ध होती है और खुद नहीं हट सकती ,,या तो उसे भेजने वाला तांत्रिक ही बुला सकता है या बहुत अधिक शक्तिशाली तांत्रिक ही वापस कर सकता है अथवा समाप्त कर सकता है |सामान्य तांत्रिक के तो यह छक्के छुड़ा देते हैं और कभी कभी उनके भी जान के लाले पड़ जाते हैं |
बन्धन कैसे खोले
समाज में अच्छे व बुरे दोनों प्रकार के साधक होते हैं, यदि किसी दुष्ट तांत्रिक ने आप के मंत्रों का कीलन कर दिया, दूसरे शब्दों में उसने आप के मंत्रों को बांध दिया है, तो आप का सारा परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा, परिणाम शून्य ही आयेगा। इसलिए कहा गया है कि अनुष्ठान करते समय अपना मंत्र किसी को नहीं बतलाना चाहिए। फिर भी किसी दुष्ट ने यदि आप के मंत्रों को बांध दिया है तो उस दुष्ट तांत्रिक को उचित दंड देने हेतु मां से प्रार्थना करें। मैं वह विधि सार्वजनिक नहीं कर सकता जिससे उस दुष्ट तांत्रिक को चाहे कितना ही ताकतवर क्यू न हो इस संसार को टाटा करना ही पड़ जाता है। कुछ साधारण प्रयोग हैं, जिसे आप करें बन्धन उत्कीलित हो जाएगा व सफलता मिल जाएगी।
1. मंत्र जप से पूर्व ‘‘ऐं ह्रीं ह्रीं ऐं’’ का एक हजार बार जप कर लें, यह विपरीत परिस्थितियों को प्रवेश नहीं करने देगा। इस क्रिया से मंत्र को चारों ओर से सुरक्षित कर दिया जाता है, जिससे किसी प्रकार की विपरीत बाधा का प्रभाव न हो सके। इसे बन्धन कहते हैं।
2. भयंकरतम क्रिया को बन्धन मुक्त करने के लिए सर्वप्रथम निम्न मंत्र का एक हजार जप कर लें फिर एक सौ आठ बार जप कर, जल अभिमंत्रित कर उसे पी जाएं, चाहे जैसा भी बन्धन लगाया गया है, वह कट जाता है।
मंत्र - ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऊँ ऐं ह्रीं श्री ह्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टनां वश्यं कुरू कुरू क्लीं क्लीं ह्रीं हुं फट् स्वाहा। ऊँ ह्रीं बगलामुखि श्री बगलामुखि दुष्टान् भिन्धि भिन्धि, छिन्धि छिन्धि, परमन्त्रान् निवारय निवारय, वीर चक्रं छेदय छेदय, बृहस्पतिमुंख स्तम्भय स्तम्भय, ऊँ ह्रीं अरिष्ट स्तम्भनं कुरू कुरू स्वाहा। ऊँ ह्रीं बगलामुखि हुं फट् स्वाहा।
3. जादू नगरी कामाख्या धाम असम का एक गुप्त शावर है, जिसे बन्धन काटने में प्रयोग करते हैं।
मंत्र - धुर खोलू, धुरखन्द खोलू, आकाश खोलू पाताल खोलू गौरा जी काते सूत महादेव जी बनावे जाल, जिहमा खोलू दासू नाग, किया करतब जादू टोना खोलू धरती के चारों कोना खोलू, बधा हुआ मंत्र खोलू, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।
नोट - इसे शाबर परम्परा के अनुसार जाग्रत कर कार्य कर सकते है। (स्वअनुभूति)
4. बन्धन काटने हेतु बगला विपरीत प्रत्यांगिरा मंत्र का ग्यारह हजार मंत्र जप व हवन करते हैं, 108 आहुतियाँ दे हवन, घी व राई से करते हैं।
मंत्र - ‘‘ऊँ ह्रीं याम् कल्पयन्ति नोऽरयः, क्रूरा कृत्यां वधू मित्र।
ताम् ब्रहणा अप निर्नुद्मः प्रत्यक् कर्तार मिच्छतु ह्रीं ऊँ।।’’
5. भीषणतम तांत्रिक विधान नष्ट करने के लिए - बगला विपरीत प्रत्यंगिरा व बगला-सूक्त का प्रयोग साथ-साथ करें।
6. बगला कल्प के ग्यारह बार पाठ कर, जल अभिमंत्रित कर यह बोलते हुए कि ‘मेरे ऊपर जो भी बन्धन लगाया गया है, जो भी जादू टोना किया गया है उसे नष्ट कर दिया जाए।’ और वह जल स्वयं पी जाए, तुरन्त उसी क्षण परिणाम सामने आ जाएगा।
बन्धन कैसे खोले
समाज में अच्छे व बुरे दोनों प्रकार के साधक होते हैं, यदि किसी दुष्ट तांत्रिक ने आप के मंत्रों का कीलन कर दिया, दूसरे शब्दों में उसने आप के मंत्रों को बांध दिया है, तो आप का सारा परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा, परिणाम शून्य ही आयेगा। इसलिए कहा गया है कि अनुष्ठान करते समय अपना मंत्र किसी को नहीं बतलाना चाहिए। फिर भी किसी दुष्ट ने यदि आप के मंत्रों को बांध दिया है तो उस दुष्ट तांत्रिक को उचित दंड देने हेतु मां से प्रार्थना करें। मैं वह विधि सार्वजनिक नहीं कर सकता जिससे उस दुष्ट तांत्रिक को चाहे कितना ही ताकतवर क्यू न हो इस संसार को टाटा करना ही पड़ जाता है। कुछ साधारण प्रयोग हैं, जिसे आप करें बन्धन उत्कीलित हो जाएगा व सफलता मिल जाएगी।
1. मंत्र जप से पूर्व ‘‘ऐं ह्रीं ह्रीं ऐं’’ का एक हजार बार जप कर लें, यह विपरीत परिस्थितियों को प्रवेश नहीं करने देगा। इस क्रिया से मंत्र को चारों ओर से सुरक्षित कर दिया जाता है, जिससे किसी प्रकार की विपरीत बाधा का प्रभाव न हो सके। इसे बन्धन कहते हैं।
2. भयंकरतम क्रिया को बन्धन मुक्त करने के लिए सर्वप्रथम निम्न मंत्र का एक हजार जप कर लें फिर एक सौ आठ बार जप कर, जल अभिमंत्रित कर उसे पी जाएं, चाहे जैसा भी बन्धन लगाया गया है, वह कट जाता है।
मंत्र - ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऊँ ऐं ह्रीं श्री ह्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टनां वश्यं कुरू कुरू क्लीं क्लीं ह्रीं हुं फट् स्वाहा। ऊँ ह्रीं बगलामुखि श्री बगलामुखि दुष्टान् भिन्धि भिन्धि, छिन्धि छिन्धि, परमन्त्रान् निवारय निवारय, वीर चक्रं छेदय छेदय, बृहस्पतिमुंख स्तम्भय स्तम्भय, ऊँ ह्रीं अरिष्ट स्तम्भनं कुरू कुरू स्वाहा। ऊँ ह्रीं बगलामुखि हुं फट् स्वाहा।
3. जादू नगरी कामाख्या धाम असम का एक गुप्त शावर है, जिसे बन्धन काटने में प्रयोग करते हैं।
मंत्र - धुर खोलू, धुरखन्द खोलू, आकाश खोलू पाताल खोलू गौरा जी काते सूत महादेव जी बनावे जाल, जिहमा खोलू दासू नाग, किया करतब जादू टोना खोलू धरती के चारों कोना खोलू, बधा हुआ मंत्र खोलू, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।
नोट - इसे शाबर परम्परा के अनुसार जाग्रत कर कार्य कर सकते है। (स्वअनुभूति)
4. बन्धन काटने हेतु बगला विपरीत प्रत्यांगिरा मंत्र का ग्यारह हजार मंत्र जप व हवन करते हैं, 108 आहुतियाँ दे हवन, घी व राई से करते हैं।
मंत्र - ‘‘ऊँ ह्रीं याम् कल्पयन्ति नोऽरयः, क्रूरा कृत्यां वधू मित्र।
ताम् ब्रहणा अप निर्नुद्मः प्रत्यक् कर्तार मिच्छतु ह्रीं ऊँ।।’’
5. भीषणतम तांत्रिक विधान नष्ट करने के लिए - बगला विपरीत प्रत्यंगिरा व बगला-सूक्त का प्रयोग साथ-साथ करें।
6. बगला कल्प के ग्यारह बार पाठ कर, जल अभिमंत्रित कर यह बोलते हुए कि ‘मेरे ऊपर जो भी बन्धन लगाया गया है, जो भी जादू टोना किया गया है उसे नष्ट कर दिया जाए।’ और वह जल स्वयं पी जाए, तुरन्त उसी क्षण परिणाम सामने आ जाएगा।
जब कभी लगे की अभिचार हुआ है ,अथवा जब ज्योतिषी ,पंडित ,डाक्टर से समस्या समझ न आये तो सबसे बेहतर तरीका है किसी अच्छे तांत्रिक से संपर्क करना |क्योकि वाही किसी भी तांत्रिक अभिचार को समाप्त कर सकता है या समाप्त करने का विशेष उपाय बता सकता है ,अन्य सभी उपाय प्रभाव कम कर सकते हैं समाप्त नहीं कर सकते |अगर छोटे टोन-टोटके हुए हैं तो इनके प्रभाव को सामान्य टोटकों उपायों द्रारा कम किया जा सकता है |बड़े टोन -टोटकों और शक्तिशाली अभिचारो को दुर्गा ,काली ,भैरव ,हनुमान ,बगला आदि उग्र शक्तियों की साधना पूजा से कम प्रभावी किया जा सकता है |दुर्गा आदि के विशेष अनुष्ठान इनको निष्प्रभावी कर सकते हैं |बगला ,काली ,भैरव ,प्रत्यंगिरा आदि के विशेष अनुष्ठान अथवा साधना इनके प्रभाव को समाप्त कर सकते हैं अथवा वापस कर सकते हैं किन्तु इनके लिए विशिष्ट गुरु अथवा साधक का मार्गदर्शन आवश्यक होता है |दुर्गा कवच ,काली सहस्त्रनाम ,काली -बगला -सुदर्शन -भैरव कवच इनके प्रभाव को रोकता है |यह ध्यान देने योग्य होता है की अभिचार तामसिक क्रियाएं हैं इन्हें तामसिक क्रियाओं से ही समाप्त किया जा सकता है |तामसिक क्रियाओं को उग्र शक्तिया ही रोक या हटा सकती हैं ,सात्विक शक्तियां सकारात्मक ऊर्जा तो बढ़ा सकती हैं किन्तु तामसिक क्रियाओं को हटाना इनसे मुश्किल होता है |गंगा जल अथवा गो मूत्र का कवच से अभिमंत्रित कर छिडकाव राहत देता है |हवन करना राहत देता है |प्रभावित व्यक्ति अगर उग्र शक्ति यथा काली ,भैरव ,बगला के कवच धारण करे तो उसका बचाव हो जाता है |अतः अगर ऐसा कुछ लगे तो अच्छे तांत्रिक से सलाह लेना चाहिए और उपाय करना चाहिए |……
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