नाग दोष निवारण पूजा - Naag dosha nivaran puja
राहु के प्रभाव से उत्पन्न होने वाले दुर्योगों को ही नाग दोष कहा जाता है। जब कुंडली में राहु और केतु पहले घर में, चन्द्रमा के साथ या शुक्र के साथ विराजमान हों तो ऐसी स्थिति में नाग दोष बनता है।
नाग दोष के प्रभाव
नागदोष से पीडित जातक किसी पुराने या यौन संचारित रोग से ग्रस्त रहता है। इन्हें लाख कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। इसके कारण महिलाओं को संतान उत्पत्ति में अत्यधिक परेशानी आती है। आकस्मिक मृत्यु का खतरा रहता है और अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
नाग दोष शांति पूजा
नागदोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। किसी अच्छे ब्राह्मण द्वारा राहु के मंत्रों का सवा लाख बार मंत्र जाप करवाने से भी शुभ फल प्राप्त होता है।
नागदाष पूजा के लाभ-:
यह पूजा अथवा अनुष्ठान कराने से आपके महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं।
इस पूजा के प्रभाव से आपके जितने भी रुके हुए काम हैं वो पूरे हो जाते हैं।
शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं।
नौकरी, करियर और जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है।
पूजा का समय
पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।
पूजन सामग्री
धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी और गुलाबी कपड़ा
यजमान द्वारा वांछित जानकारी
नाम एवं गोत्र, पिता का नाम
जन्म तारीख, स्थान
नागदोष पूजन अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए करवाने का समय ले सकते हैं। जिस किसी के लिए आप ये पूजा करवाना चाहते हैं उसका नाम, जन्म स्थान, गोत्र और पिता का नाम अवश्य ज्ञात होना चाहिए।
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