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Pancha-Pakshi Shastra पंच- पक्षी

Pancha-Pakshi Shastra पंच- पक्षी

तमिलनाडु में प्रचलित पंच-पक्षी ज्योतिष पद्वति (Panch-pakshi Shastram) अपने आप में अनेक पद्वतियों की विशेषताओं को अपने में समाहित किये हुये है. इस विधि के अन्तर्गत फल जानने के लिये बडी - बडी गणनाएं नहीं निकालनी पडती बल्कि सरलता से जन्म पक्षी निर्धारित कर अपनी जिज्ञासा का समाधान प्राप्त किया जा सकता है. 

पंच- पक्षी (Panch-pakshi Shastram)  के नाम से जानी जाने वाली इस विधि में  पंच का अर्थ पांच से है. व पक्षी जिन्हे परिन्दों के नाम से भी जाना जाता है. इस पद्वति के पांच पक्षी :- गिद्ध, उल्लू, कौआ, मुर्गा, व मोर है (The panch-pakshi are Vulture, Owl, Crow, Rooster and Peacock). 

ये सभी पांच पक्षी प्रतिदिन पांच प्रकार की क्रियाओं को करने में लगे रहते है. वो पांचों क्रियाएं क्रम से इस प्रकार है. 

* 1 खाना
* 2 चलना
* 3 राज करना
* 4 सोना
* 5 मरना

Pancha-Pakshi Shastra, is an ancient Tamil palm leaf scripture. Pancha means five and Pakshi means Bird. The Pancha-Bhutas - the five elements air, fire, water, earth and ether are present is all heavenly bodies and also in all living beings. The Five Elements are represented by five birds, Vulture, Owl, Crow, Cock and Peacock. These birds influence and control all our action.  

 They rule the 27 nakshatras (star constellations), the 7 week days and various times of the day in a given sequence.

Ones ruling bird is based on ones Janma Nakshatra - the star constellation in which the moon was placed at the time of birth. On any given day and time one of the five birds is the influencing bird and is engaged in any of 5 activities - Ruling, Eating, Walking, Sleeping, Dying. The ruling condition is the most powerful and least powerful when in dying. The influence of the other birds follows in a given sequence. The pancha pakshi guidance is given based on your ruling bird vis-à-vis the influencing bird at the time and their mutual relation and interaction of their nature etc. 

व्यक्ति का जन्म पक्षी जन्म नक्षत्र सख्या व चन्द्र के शुक्ल/कृ्ष्ण पक्ष (Birth Pakshi  or Nakshatra Pakshi) से निर्धारित होता है. यह पूरे जीवन के लिये स्थिर होता है. पंच पक्षी विधि (Panch Pakshi Astrology System)  अनेक प्रकार से उपयोगी पाई गई है. पंच-पक्षी से व्यक्ति पूरे दिन में अलग अलग समय में निश्चित काम करके सफलता प्राप्त कर सकता है. इस विधि में समय दशा निकालना बहुत सरल है. 

यात्रा के दौरान मिलने वाले अनुभवों को जन्म पक्षी किस प्रकार प्रभावित करता है. तथा दिन के किस में समय यात्रा करना लाभदायक रहेगा, आईए देखे:- 

1. जन्म पक्षी के खाना खाने की क्रिया के दौरान यात्रा करना: (Journey while the Pakshi is in eating state)
जो व्यक्ति जन्म पक्षी के खाना खाने की क्रिया के समय में यात्रा करता है उसे मार्ग में रोगग्रस्त होने की संभावना नहीं रहती है. उसे यात्रा के दौरान नये- नये लोगों से मिलने का अवसर मिलता है. वह अपने यात्रा के ल़क्ष्य को पाने में सफल होता है. अर्थात उसका यात्रा करना लाभदायक रहता है. इस समय में यात्रा करने से संचित धन में भी बढोतरी होने की संभावना रहती है. व व्यक्ति को किसी प्रकार की मानसिक परेशानी भी नहीं होगी. 

(क) जन्म पक्षी खाना खाने की क्रिया में तथा क्रियामान पक्षी राज करने के अलावा अन्य क्रियाओं में व्यस्त होना चाहिए तथा उसके जन्म पक्षी से शत्रु संबध होने पर :- यात्रा से मिलने वाले फल विपरीत होगे. अर्थात 
इस से आपको यात्रा से निराशा हाथ आने की संभावना है. रास्ते में भी आपको अनेक परेशानियों का सामना करना पडेगा. यह भी संभव है की मार्ग में आपको उचित खाना भी न मिले.  इस बात की भी संभावना बन रही है की आपको रास्ते में अपने साथ के मित्रों व रिश्तेदारों से किसी बात  लेकर झगडना भी पडे. अर्थात संबध खराब होने की संभावना भी है. 
उस समय आप को यात्रा करना असुविधाजनक  लगेगा. यह आपकी अप्रसन्नता का कारण बनेगा. एसे समय में व्यक्ति के लिये यात्रा स्थगित करना लाभकारी रहता है. 

(ख) जन्म पक्षी व क्रियामान पक्षी जब मित्र हो तो यात्रा सुखद रहेगी (When the birth-bird and ruling bird are friends). इस स्थिति में जन्म पक्षी राज करने की स्थिति में भी होना अनिवार्य है. 

2. जन्म पक्षी के चलने की क्रिया के दौरान यात्रा करना: (Journey while the birth bird is in walking state)
किसी व्यक्ति का जन्म पक्षी जब चलने की क्रिया में व्यस्त हो तो उस समय में यात्रा करना व्यक्ति के लिये  व्यर्थ होता है. ऎसे में व्यक्ति बेकार घूम कर बिना अपने लक्ष्य की प्राप्ति किये वापस आता है. इस दौरान उसे रास्ते में अच्छा खाना मिलने की संभावनाएं भी कम होती है. तथा इस समय विशेष में मित्रों से भी व्यक्ति के संबध खराब होने की संभावना है. 

एसी यात्रा करने के बाद व्यक्ति बाद में पछताता है. की काश मैनें इस समय में यात्रा न की होती. यह समय व्यक्ति को अपनी यात्रा के लक्ष्य से भी भटका सकता है. दूसरें लोग रास्ता बताने के स्थान पर व्यक्ति को दिशाभ्रमित कर सकते है. 
इस समय में अगर वह अपने होने वाले जीवन साथी से मिलने जा रहा है तो रिश्ते में असफलता का सामना करना पडता है.
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