गृह-क्लेश पति-पत्नी में अनबन-
Grah kalah- dispute in husband wife
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में गृह क्लेश एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। दुनिया में परिवार से बढ़कर कोई सुख नहीं है परन्तु इस सुख से हम वंचित हो रहे है। रिश्तों में गलतफहमी व मनमुटाव होने से पूरे परिवार की शांति भंग हो जाती है और इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है।
हमारे पुराणों में कहा जाता है कि जिस घर में क्लेश होता है, वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता। हर किसी की अपने गृहस्थ जीवन में सुख और शांति की कामना होती है। घर और जीवन की खुशहाली ही व्यक्ति को जीवन में प्रगति के मार्ग पर ले जाती है।
परिवार में व्याप्त कलह यानी की क्लेश से व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों से भर जाता है। गृह क्लेश से बचने या उसे कम करने के लिए ज्योतिष में कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं।
गृह कलह की कोई न कोई वजह जरूर होती है जैसे पति-पत्नी के तनाव का मुख्य कारण उनके घरवालों को लेकर उत्पन्न कलह होती है। कलह के कारण कई बार तो दाम्पत्य जीवन में तनाव इतना बढ़ जाता है कि तलाक तक की नौबत आ जाती है। इससे बचाव का एक सरल सा रास्ता यह है कि जब भी आप अपने लड़के या लड़की के गुणों का मिलान कराएं तो गुणों के साथ-साथ पत्री पर भी ध्यान दें। कई बार कलह बच्चों के जन्म को लेकर भी होता है जिसकी वजह से गृह क्लेश काफी बढ़ जाता है।
यूं तो कलह के सामान्य कारण धन-सम्पत्ति, स्त्री, रोग, मानसिक परेशानियाँ, प्रतिकूल परिस्थितियां इत्यादि होते ही हैं; मगर इसके अलावा प्रतिकूल ज्योतिष दशाओं का प्रभाव भी घर में कलह का कारण बनता है। जिस व्यक्ति के घर में आए दिन लड़ाई – झगड़ा होता रहता है और कलह मची होती है, उस जातक की कुंडली में चंद्रमा निर्बल अर्थात कमजोर होता है या फिर उस जातक की कुंडली में चतुर्थ भाव का दोष पाया जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में द्वितीय भाव परिवार का, चतुर्थ भाव घर का तथा सप्तम भाव पति-पत्नी से संबंधित होता है। यदि इन भाव का स्वामी कमजोर हो या इन भावों में कोई क्रूर या अशुभ ग्रह जैसे मंगल, शनि, राहु, केतु स्थित हो जाएं तो परिवार में अशांति व क्लेश होने लगता है।
ज्योतिष शास्त्र में गृह क्लेश से छुटकारा पाने के लिए कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है और घर में शांति का वास होता है। यदि आप भी अपने घर में होने वाले क्लेश से परेशान हैं, तो इस लेख के माध्यम से जानें गृह क्लेश निवारण के सटीक उपाय
किसी भी परिवार में पिता और पुत्र के मध्य मतभेदों का कारण दशम भाव के स्वामी ग्रह का लग्न के साथ मित्र भाव का न होना होता है, यदि छठे से आठवें भाव में शनि राहु हो तो पितृ दोष की स्थिति बनती है।
पति-पत्नी के बीच होने वाले झड़गे का कारण वह योग होता है जब सप्तम भाव में निम्न राशि का ग्रह हो और उस भाव का स्वामी भी 12वें भाव में निम्न राशि हो।
इसी प्रकार से विभिन्न ज्योतिष योग बनने के कारण घर में झगड़े आदि उत्पन्न होते हैं जिन्हें उचित उपायों द्वारा ठीक करके इनसे छुटकारा पाया जा सकता है।
दाम्पत्य जीवन में कलह के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं।
1- लड़के या लड़की की पत्री में सप्तम भाव में शनि का होना या गोचर करना।
2- किसी पाप ग्रह की सप्तम या अष्टम भाव पर दृष्टि होना या राहु, केतु अथवा सूर्य का वहां बैठना
3- पति-पत्नी की एक सी दशा या शनि की साढ़े साती का चलना भी कलह एवं तलाक का एक कारण होता है।
4- शुक्र की गुरु में दशा का चलना या गुरु में शुक्र की दशा का चलना भी एक कारण है। कलह को दूर करने के कुछ उपायों का वर्णन यहां किया जा रहा है।
5- अगर कलह का कारण शनि ग्रह से संबंधित है तो शनि ग्रह की शांति कर सकते हैं, शनि यंत्र पर जप कर सकते हैं और शनि की वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सात मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। यह उपाय शनिवार को सायंकाल के समय करना ठीक होता है ।
6- अगर गृह कलह राहु से संबंधित हो तो राहु यंत्र पर राहु के मंत्र का जप करें एवं 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। यह सभी प्रकार के कलहों व बाधाओं से मुक्त करता है और राहु के दुष्प्रभाव का निवारण करता है। इसके लिए राहु का दान भी कर सकते हैं।
7- अगर गृह क्लेश का कारण केतु ग्रह हो तो उसकी वस्तुओं का दान एवं उसके मंत्र का जप करें। केतु यंत्र पर पूजा करें। गणेश मंत्र का जप करें। 9 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
कई बार देखने में आता है कि न तो ग्रहों की परेशानी है, न ही पत्री में दशा एवं गोचर की स्थिति खराब है। फिर भी गृह कलह है जिसके कारण बात तलाक तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह धारणा होती है कि किसी ने कुछ जादू टोना अर्थात तांत्रिक प्रयोग तो नहीं किया। अगर ऐसा लगे तो ये उपाय करें:-
- घर में पूजा स्थान में बाधामुक्ति यंत्र स्थापित करें।
- शुक्ल पक्ष में सोमवार को उत्तर दिशा में मुख करके पति और पत्नी गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करें।
- शयन कक्ष में शुक्र यंत्र की स्थापना करें।
गृह क्लेश दूर करने के टोटके-
घर में करें वास्तु पिरामिड की स्थापना - वास्तु दोष भी गृह क्लेश का कारण होता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी दिशा को अग्नि कोण माना जाता है। चूंकि इस दिशा पर अग्नि तत्व का शासन होता है, ऐसे में परिवार के सदस्यों की खुशी इसी दिशा से उत्पन्न होती। घर की इस दिशा में वास्तु पिरामिड की स्थापना अगर हम करते है तो घर में कलह नहीं होता। इस घर में आवास करने वाला जातक दीर्घायु, निरोगी और अच्छे धार्मिक विचारों वाला हो जाता है।
धारण करे फिरोज़ा रत्न-
फिरोज़ा रत्न प्यार का कारक रत्न है। गृह क्लेश के उपाय के तौर पर फिरोज़ा रत्न बहुत लाभदायक होता है। फिरोज़ा रत्न के प्रभाव से वैवाहिक सुख प्राप्त होता है। वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्ति की चाह रखने वालों के लिए फिरोज़ा रत्न बहुत उपयोगी है। यदि पति-पत्नी में कोई अनबन हो या प्रेमी प्रेमिका के बीच परेशानी चल रही हो तो फिरोजा रत्न की दो अंगूठियां बनवाएं और शुभ मुहूर्त में एक-दूसरे को पहनाने से परस्पर संबंधो में मधुरता आती है। अगर सगे-संबंधी या मित्रों के साथ किसी बात को लेकर क्लेश या अनबन हो रही है तो फिरोजा रत्न किसी भी रूप में भेट करने पर रिश्तों में सुधार होता है, परस्पर कलह दूर जाता है।
अगर घर में पैसे की कमी के कारण कलह रहती है, तो आप अपने कमरे के चारों कोनों पर फिटकिरी रखें। ऐसा करने पर आपका शुक्र फलदायी स्थिति में आ जाता है, जिससे घर में हो रही आर्थिक तंगी से निजात मिलती है।
अगर परिवार में होने वाली कलह का कारण रोजगार का न होना है, तो 43 दिन लगातार एक तांबे का सिक्का हर रोज़ गंदे नाले में डालें; इसके अलावा चांदी का एक चौकोर सिक्का अपनी जेब में हमेशा रखें। ऐसा करने से रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं और आर्थिक तंगी भी दूर होती है।
घर में धनाभाव से उत्पन्न कलह को दूर करने के लिए, किसी काली गाय को अपने वजन के बराबर हरी घास खिलायें। यह प्रयोग घर में हो रही पैसे की दिक्क्तों को दूर करता है।
केसर का तिलक अपनी नाभि, जिह्वा और मस्तक पर लगाएं, इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा घर में होने वाली क्लेश भी समाप्त होती है।
गृह क्लेश निवारण के ज्योतिष उपाय
1- अगर घर में हो रही कलह का कारण शनि का कोप है तो इसके लिए निरंतर 6 सप्ताह तक एक नीला पुष्प माँ सरस्वती के मंदिर में उनकी प्रतिमा या तस्वीर के सामने अर्पित करें।
2- यदि घर में क्लेश का कारण राहु से उत्पन्न दोष है, तो एक नारियल लेकर उसके ऊपर सरसों के तेल के साथ काले तिल का तिलक कर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
3- अगर मंगल की बुरी स्थिति के कारण घर में तनाव की स्तिथि है, तो एक मुट्ठी चावल को लाल चंदन से रंग कर लाल रंग के कपड़े में बांधें और अपने सिर के चारों ओर सात बार घुमाकर बजरंग बली के मंदिर में उनकी प्रतिमा के समक्ष अर्पित करें।
पति-पत्नी के बीच लड़ाई- झगड़ा हो तो रात को सोते समय पति अपने सिरहाने सिंदूर तथा पत्नी कपूर रखे। सुबह उठ कर पत्नी कपूर को जला दे तथा पति सिंदूर को घर में कहीं भी गिरा दे, तो घर में लड़ाई-झगड़े खत्म हो जाएंगे तथा सुख-शांति बनी रहेगी।
परिवार में सुख के लिए:
परिवार में सुख-शांति तथा समृद्धि के लिए प्रति दिन प्रथम रोटी के चार बराबर भाग करें। एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को दें तथा चैथा भाग चैराहे पर रखें।
हर प्रकार की सुख-शांति के लिए:
अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रख कर पूजा करें। जब वे मुरझाने लगें, तो नए पत्ते रख दें और पुराने को पीपल के नीचे रख आएं। इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
गृह शांति के लिए:
एक पतंग पर अपने कष्ट तथा परेशानियां लिखें। उसे हवा में उड़ा कर छोड़ दें। ऐसा 7 दिन लगातार करें। सभी कष्ट तथा परेशानियां दूर हो जाएंगी तथा घर में सुख-शांति आएगी।
घर में अशांति रहने पर:
यदि आपके लाख उपाय करने पर भी अकारण ही अशांति बनी रहती हो, तो गाय के गोबर का एक छोटा दीपक बनाएं। उसमें तेल और रूई की बत्ती डाल कर थोड़ा गुड़ डाल दें तथा उस दीपक को जला कर दरवाजे के बीच रख दें। परेशानियां कम होने लगेंगी। इसे आवश्यकतानुसार 2-3 बार, थोड़े समय के अंतराल से, कर लेना चाहिए। इसके लिए शनिवार विशेष उपयुक्त दिन है तथा तिल का तेल श्रेष्ठ है।
घरेलू झगड़ा होने पर:
घर में प्रायः क्लेश रहता हो, या छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होना हो तो घर में गेहूं केवल सोमवार या शनिवार को ही पिसवाएं। पिसवाने से पहले उसमें 100 ग्राम काले चने डाल दें। इस प्रकार का आटा खाने से धीरे-धीरे लड़ाई-झगड़े तथा घर में क्लेश खत्म हो जाएंगे।
मानसिक शांति एवं कार्य की सफलता हेतु:
कुंडली में चंद्रमा पाप पीड़ित या अशुभ होने पर पारिवा¬रिक अशांति, धन की कमी तथा कार्य संचालन में परेशानी देता है। इससे बचाव के लिए रविवार की रात को सोते समय, चांदी या स्टील के गिलास में थोड़ा कच्चा दूध डाल कर उसे सिरहाने रख कर सो जाएं। सोमवार की सुबह इस दूध को कीकर (बबूल) के पेड़ पर चढ़ा आएं।
सावधानी: गिलास को किसी बर्तन से न ढकें।
बाहरी बाधा के कारण परेशानी रहने पर: यदि बाहरी बाधा के कारण घर अथवा व्यवसाय में परेशानी महसूस होती हो, तो अपने निवास/व्यवसाय स्थान के पास जो भी वृक्ष हो, उसकी जड़ में शाम को दूध डालकर वहां अगरबत्ती जलाने से लाभ होता है। इसके लिए सामवार उपयुक्त दिन है।
सर्व आपदा दुख निवारण हेतु:
किसी प्रकार की विपत्ति आने का भय हो अथवा आपदाग्रस्त हो, मनोबल कमजोर हो गया हो, जीवन में बार-बार अशुभ घटनाओं के कारण मन दुखी रहता हो तो श्रद्धा विश्वासपूर्वक निम्न मंत्र का मानसिक जप अथवा लाल चंदन की माला से पांच माला नित्य जप करने से शीघ्र लाभ होता है।
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राणिभिहन्तु चापदः।