गुरु
नियम :-
1. अंडे, शराब, मांस, तम्बाकू, एवं धूम्रपान का सेवन न करें ।
2. ब्रह्मांड में स्थित नौ ग्रहों में से गुरु वजन में सबसे भारी ग्रह है। यही कारण है कि इस दिन हर वो काम जिससे कि शरीर या घर में हल्कापन आता हो : - सिर धोना, भारी कपड़े धोना, बाल कटवाना, शेविंग करवाना, शरीर के बालों को साफ करना, फेशियल करना, नाखून काटना, घर से मकड़ी के जाले साफ करना, घर के उन कोनों की सफाई करना जिन कोनों की रोज सफाई नहीं की जा सकती हो, कबाड़ घर से बाहर निकालना, घर को धोना या पोछा लगाना। ऐसे कामों को करने से मना किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से गुरु ग्रह हल्का होता है।
3. अपने माता-पिता, गुरुजन एवं अन्य पूजनीय व्यक्तियों वृद्ध, सदाचारी ब्राह्मण के प्रति आदर भाव रखना चाहिए तथा महत्त्वपूर्ण समयों पर इनका चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लेना चाहिए। और गुरु की सेवा तथा आदर करें। बड़ों का दोनों पांव छूकर आशीर्वाद लें।
4. परस्त्री / परपुरुष से संबंध नहीं रखने चाहिए।
5. पीपल के वृक्ष के पास कभी गंदगी न फैलाएं व जब भी कभी किसी मंदिर, धर्म स्थान के सामने से गुजरें तो सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर जाएं।
6. गुरु ब्राह्मण, साधू और दादा एवम द्धितीय, पंचम तथा दशम भाव का कारक है विधा, धन अथवा पुत्र आदि की प्राप्ति के
लिए गुरुजन, ब्राह्मण और साधू-संतो की सेवा करे ।
उपाय :-
1. विष्णु जी की आराधना करें। विष्णु सहस्त्रनाम का प्रतिदिन पाठ करे।
2. बृहस्पतिवार का व्रत करे। व्रत मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से प्रारम्भ करना चाहिए। गुरु की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें: ॐ अंगिरसाय विद्हे दिव्यदेहाय धीमहि तन्न: जीवः प्रचोदयात। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नम: ।
3. पीपल में जल डालें, केले के पेड़ में जल डाले । पंचमुखी रुद्राक्ष की पूजा तथा धारण करना चाहिए।
4. गाय को पीली दाल १ किलो हर गुरूवार को खिलानी चहिये, पीले वस्त्र दान में देना चहिये, हल्दी की गठान कांख में बांधनी चहिये, वृद्ध, सदाचारी ब्राह्मण को सपरिवार भोजन करवाना चहिये।
5. गुरुवार के दिन मन्दिर में केले के पेड़ के सम्मुख गौघृत का दीपक जलाना चाहिए।
6. गुरुवार के दिन आटे के लोयी में चने की दाल, गुड़ एवं पीसी हल्दी डालकर गाय को खिलानी चाहिए।
7. सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए।
8. गुरुवार के दिन एक नारियल सवा मीटर पीले वस्त्र में लपेटकर एक जोड़ा जनेऊ, सवा पाव मिष्ठान्न के साथ आस-पास के किसी भी विष्णु मंदिर में अपने संकल्प के साथ चढ़ा दें।
9. पीपल की जड़ को गुरु की होरा और गुरु के नक्षत्र में धारण करें।
दान : -
1. बृहस्पति ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान गुरुवार के दिन गुरु के नक्षत्रों (पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद) तथा गुरु की होरा में अधिक शुभ होते हैं। दान की जाने वाली वस्तुएँ हैं- केसरिया रंग, हल्दी, शक्कर, केशर, चने की दाल, पीत वस्त्र, कच्चा नमक, शुद्ध घी, पीले पुष्प, एवं किताबें।
2. गुरु से संबंधित वस्तुओं का दान बृहस्पति वार के दिन सुबह में जरूरतमंद मध्य आयु के ब्राह्मण को दान देना चाहिए ।
3. ऐसे व्यक्ति को मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए।
4. गुरु का दान ब्राह्मण, ज्योतिषी को प्रातः काल में देना चाहिए ।
Note :-
गुरुवार को नहीं करने चाहिए ये काम :-
1. गुरुवार धर्म का दिन होता है। ब्रह्मांड में स्थित नौ ग्रहों में से गुरु वजन में सबसे भारी ग्रह है। यही कारण है कि इस दिन हर वो काम जिससे कि शरीर या घर में हल्कापन आता हो। ऐसे कामों को करने से मना किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से गुरु ग्रह हल्का होता है। यानी कि गुरु के प्रभाव में आने वाले कारक तत्वों का प्रभाव हल्का हो जाता है। गुरु धर्म व शिक्षा का कारक ग्रह है। गुरु ग्रह को कमजोर करने से शिक्षा में असफलता मिलती है। साथ ही धार्मिक कार्यों में झुकाव कम होता चला जाता है।
2. गुरुवार को किए गए ये कार्य रोकते हैं पति, संतान की उन्नति शास्त्रों में गुरुवार को महिलाओं को बाल धोने से इसलिए मनाही की गई है। क्योंकि महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति का कारक होता है। साथ ही बृहस्पति ही संतान का कारक होता है। इस प्रकार अकेला बृहस्पति ग्रह संतान और पति दोनों के जीवन को प्रभावित करता है। बृहस्पतिवार को सिर धोना बृहस्पति को कमजोर बनाता है जिससे कि बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी होती है। इसी कारण से इस दिन बाल भी नहीं कटवाना चाहिए जिसका असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है। उनकी उन्नति बाधित होती है।
3. गुरुवार को नहीं करना चाहिए नेल कटिंग और शेविंग भी शास्त्रों में गुरु ग्रह को जीव कहा गया है। जीव मतलब जीवन। जीवन मतलब आयु। गुरुवार को नेल कटिंग और शेविंग करना गुरु ग्रह को कमजोर करता है। जिससे जीवन शक्ति दुष्प्रभावित होती है। उम्र में से दिन कम करती है।
4. बृहस्पति को किस तरह कमजोर करते है घर में किए गए ये कार्य जिस प्रकार से बृहस्पति का प्रभाव शरीर पर रहता है। उसी प्रकार से घर पर भी बृहस्पति का प्रभाव उतना ही अधिक गहरा होता है। वास्तु अनुसार घर में ईशान कोण का स्वामी गुरु होता है। ईशान कोण का संबंध परिवार के नन्हे सदस्यों यानी कि बच्चों से होता है। साथ ही घर के पुत्र संतान का संबंध भी इसी कोण से होता है। ईशान कोण धर्म और शिक्षा की दिशा है। घर में अधिक वजन वाले कपड़ों को धोना, कबाड़ घर से बाहर निकालना, घर को धोना या पोछा लगाना। घर के ईशान कोण को कमजोर करता है। उससे घर के बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है।
5. ये दिन है लक्ष्मी प्राप्ति का इसलिए देवी लक्ष्मी भी होती है प्रभावित गुरुवार लक्ष्मी नारायण का दिन होता है। इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन जीवन में खुशियों की अपार वृद्धि कराने वाला होता है। इस दिन लक्ष्मी और नारायण की एक साथ पूजन करने से पति- पत्नी के बीच कभी दूरिया नहीं आती है। साथ ही धन की वृद्धि होती है।
6. रूक सकता है प्रमोशन भी जन्मकुंडली में गुरु ग्रह के प्रबल होने से उन्नति के रास्ते आसानी से खुलते हैं। यदि गुरु ग्रह को कमजोर करने वाले कार्य किए जाए तो प्रमोशन होने में रुकावटें आती है।
7. गुरु ग्रह का कमजोर होना किस तरह करता है धन की कमी किसी भी जन्मकुंडली में दूसरा और ग्यारहवां भाव धन के स्थान होते हैं। गुरु ग्रह इन दोनों ही स्थानों का कारक ग्रह होता है। गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है। धन लाभ की जो भी स्थितियां बन रही हों। उन सभी में रुकावट आने लगती है। सिर धोना, भारी कपड़े धोना, बाल कटवाना, शेविंग करवाना, शरीर के बालों को साफ करना, फेशियल करना, नाखून काटना, घर से मकड़ी के जाले साफ करना, घर के उन कोनों की सफाई करना जिन कोनों की रोज सफाई नहीं की जा सकती हो। ये सभी काम गुरुवार को करना धन हानि का संकेत हैं। तरक्की को कम करने का संकेत हैं।