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जीवनसाथी कहाँ और कैसा मिलेगा ?

जीवनसाथी कहाँ और कैसा मिलेगा ? 

कुंडली का सप्तम शादी और जीवनसाथी का होता है।इसी भाव और इसी भाव के स्वामी से यह पता चलता है जीवनसाथी कैसा होगा और कैसा मिलेगा और कहा?सातवे भाव और इस बबाव के स्वामी पर जिस भी स्वभाव के ग्रहों का प्रभाव होगा जीवनसाथी का स्वभाव ,चरित्र आदि भी उन्ही ग्रहो की स्थिति के अनुसार होगा।जैसे सातवे बबाव में शुक्र या गुरु हो और पाप ग्रहों का प्रभाव न हो तब जीवनसाथी बहुत अच्छा मिलता है। कहा मिलेगा?इस विषय पर बात करते है।सप्तमेश(सप्तम भाव का स्वामी) जिस भी कुंडली के भाव और जिन ग्रहो के साथ बैठा होगा वही की स्थिति से जीवनसाथी मिलता है भावो के अनुसार बताता हूँ:- #1_सप्तमेश यदि पहले भाव मे बैठे तो कही नजदीकी शहर या अपने ही जन्मस्थान से शादी होती है क्योंकि लग्न खुद का निजी स्थान है।
#2_सप्तमेश दूसरे भाव मे बैठे या दूसरे भाव स्वामी से संबंध करे तब किसी परिवार के सदस्य द्वारा लड़की-लड़के के लिए या लड़की या लड़का मिलता है। #3_सप्तमेश तीसरे भाव मे बैठे तो लगभग किसी अपने नजदीकी शहर की लड़की या लड़के से शादी होती है।। #4_सप्तमेश चौथे भाव मे हो तो माँ के रिश्तेदार लड़की या लड़का बताते है शादी के लिए क्योंकि चौथा भाव माँ का है इस कारण माँ की कोशिश और माँ के संबंधी ही लड़की या लड़का शादी लिए कही न कही करवाते है।। #5_सप्तमेश पाचवे भाव मे होने पर प्रेम विवाह होता है, किसी अपने नजदीकी मित्र या जिसके साथ पूर्व से जुड़े हो शिक्षा के कारण, दोस्ती के कारण तब वही से खुद की पसंद से विवाह होता है क्योंकि पाचवा भाव प्रेम संबंध का है जब सप्तमेश यहाँ शुभ होकर बैठता है तब प्रेम विवाह होता है और यदि यहाँ सप्तमेश और पंचमेश(पाचवे भाव के स्वामी)और भाग्य के स्वामी नवे भाव का साथ मिल जाये तब प्रेम विवाह की प्रबल से प्रबल स्थिति बन जाती है।। #6_सप्तमेश के छठे या आठवे भाव मे जाने पर या होने पर बहुत ही सामान्य तरह का जीवनसाथी मिलता है और काफी दिक्कत के बाद शादी होती है।। #7_सप्तमेश सप्तम भाव मे हो तब अपने ही शहर में शादी होती है और जीवनसाथी काफी अच्छा मिलता है।यह स्थिति अच्छी होती है सप्तमेश का सप्तम भाव मे होना।लेकिन पाप ग्रहों का ज्यादा प्रभाव सप्तम या सप्तमेश पर नही होना चाहिए।। #8_सप्तमेश नवे भाव मे हो तब जीवनसाथी किसी प्रसिद्ध धार्मिक स्थान के आस-पास का होता है साथ ही सप्तमेश शुभ होकर यहाँ बैठे तब शादी के बाद भाग्योदय भी होता है यहाँ काफी अच्छी स्थिति होती है सप्तमेश का बैठना।। #9_सप्तमेश दसवे भाव मे बैठा हो तब जीनसाथी नोकरी करने वाला मिलता है,और जीवनसाथी की स्थिति हमसे मजबूत होती है क्योंकि सप्तमेश सबसे बड़े केंद्र 10वे भाव मे होता है।यहाँ सप्तमेश का पंचमेश से भी संबंध बन जाये तब प्रोफेशन से ही जीवनसाथी मिलता है और प्रेम विवाह होता है।5-710 भाव कस आपस मे संबंध होने से।। #10_सप्तमेश 11वे भाव मे बैठा होगा तब एक तो ससुराल बहुत सम्पन्न मिलती है और वैवाहिक जीवन सुख अच्छा रहता है यहाँ सप्तमेश का बेठना प्रेम विवाह बीबी कराता है क्योंकि सप्तमेश 11वे भाव मे बैठकर 5वे भाव को देखता है।कुल मिलाकर 11वे भाव का सप्तमेश नजदीकी या कही पहचान वाले से ही विवाह कराता है या कोई पहचान वाला विवाह करवाता है।बाकी कुंडली की सम्पूर्ण जाच पर यहाँ यह पूरा फल निर्भर करेगा
#11_सप्तमेश का 12वे भाव मे होना केवल इतना करेगा अगर लड़के की कुंडली मे ऐसा है तब लड़की जन्मस्थान से काफी दूर की होती है और लड़की की कुंडली मे सॉटमेश 12वे भाव मे हो तब लड़की की शादी अपने जन्मस्थान से काफी दूर होती है क्योंकि 12वा भाव दूर स्थानों का है।। इस तरह से शादी कहा कैसे होगी का कुंडली से पता लगता है साथ ही शादी कैसी रहेगी आदि यह ग्रहो ने योग जिस तरह के बनाये होते है उसी के अनुसार वैवाहिक जीवन रहता है।सप्तमेश और शुक्र लड़के के लिए साथ सप्तमेश और गुरु लड़की के लिए वैवाहिक जीवन के मुख्य ग्रह होते है।

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