सुदर्शन कुंडली सुदर्शन चक्र - Astrology: Sudarshan Horoscope Sudarshan kundali
कुंडली का विवेचन और सुदर्शन कुंडली।
कुंडली का विवेचन करने के लिए : लग्न कुण्डली, चंद्र कुण्डली व सूर्य कुण्डली। इन तीनों को जब एक साथ मिलाकर देखा जाता है तो सुदर्शन चक्र होता है।
लग्न :लग्न ,चन्द्र लग्न ,सूर्य लग्न ,इन तीनो लग्नो का विवेचन करना चाहिए।
इन तीनो लग्नो से सुदर्शन चक्र का बनता है।
लग्न: शरीर ,लक्षण, स्वभाव ,स्वास्थ्य का प्रभाव।
चन्द्र लग्न :मन का प्रभाव ।
सूर्य लग्न:आत्मा ऊर्जा का प्रभाव ।
इन तीनो लग्नो का बल देख कर विवेचन करना चाहिए।यह जानकारी सुदर्शन कुंडली से प्राप्त होती है।
फलादेश :कुंडली का विवेचन करते समय दशा विचाऱ के समय तीन लग्नो को आधार मानकर फलादेश करना चाहिए ।
कुंडली का विवेचन और सुदर्शन कुंडली।
कुंडली का विवेचन करने के लिए : लग्न कुण्डली, चंद्र कुण्डली व सूर्य कुण्डली। इन तीनों को जब एक साथ मिलाकर देखा जाता है तो सुदर्शन चक्र होता है।
लग्न :लग्न ,चन्द्र लग्न ,सूर्य लग्न ,इन तीनो लग्नो का विवेचन करना चाहिए।
इन तीनो लग्नो से सुदर्शन चक्र का बनता है।
लग्न: शरीर ,लक्षण, स्वभाव ,स्वास्थ्य का प्रभाव।
चन्द्र लग्न :मन का प्रभाव ।
सूर्य लग्न:आत्मा ऊर्जा का प्रभाव ।
इन तीनो लग्नो का बल देख कर विवेचन करना चाहिए।यह जानकारी सुदर्शन कुंडली से प्राप्त होती है।
फलादेश :कुंडली का विवेचन करते समय दशा विचाऱ के समय तीन लग्नो को आधार मानकर फलादेश करना चाहिए ।
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