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Chandra dosh chandra shanti ke upay remedies (चंद्रमा शांति के उपाय)


चन्द्रमा
नियम :-
1.   चंद्रमा पानी का कारक है। इसलिए कुएंतालाबनदी में या उसके आसपास गंदगी को  फैलाएं। घर में किसी भी स्थान पर पानी का जमाव  होने पाए 
2.   अंडेशराबमांसमछलीतम्बाकूएवं धूम्रपान का सेवन  करें  नशा नहीं करें 
3.   झूठ बोलने से परहेज करेंबेईमानी और लालच ना करें 
4.   दूध पीकर या कोई सफेद मिठाई खाकर किसी चौराहे पर नहीं जाये 
5.   चंद्रमा के बलहीन होने पर माता और माता पक्ष से सम्बंधित रिश्तेदारों की सेवा सेवा करें 
6.   व्यक्ति को देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए। रात्रि के समय घूमने-फिरने तथा यात्रा से बचना चाहिए।
7.   चंद्रमा पानी का संबन्ध माता से होता हैइसलिए मां की सेवा करें और किसी भी प्रकार से उनका दिल ना दुखाएं। माता के पांव छूकर आशीर्वाद लें 
8.   6ठे भाव का चंद्रमा दोष होने पर भूलकर भी दूध या पानी का दान ना करें। इसी प्रकार 12वें भाव का दोष होने पर साधु-महात्माओं को ना भोजन करएं और ना ही इन्हें दूध का दान करें।
9.   यदि कुंडली में चंद्रमा केतु के साथ विराजित हो तब जीविकोपार्जन में बाधा डालता है अतः ऐसे जातको को गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।
10. सफेद और स्लेटी रंग चंद्रमा का प्रतीक होते हैं इसके अलावा चमकीला नीलाहरा और गुलाबी रंगआसमानी रंग भी लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर होता है उन्हें काले और लाल रंग से परहेज रखना चाहिए।
11. अपनी बेटी के पैसे और धन का उपयोग  करें

उपाय :-
1.   शिवजी की पूजासोमवार का व्रत करनापूर्णिमा का व्रत करनासोमवार को शंकर जी को दूध से स्नान कराना चाहिए। पूर्णिमा के दिन शिव जी को खीर का भोग लगाएं 
2.   शिवलिंग पर चंदनचावलबिल्वपत्रआंकड़े के फूल धतूरा और नारियल चढ़ाएं 
3.   पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को अर्घ्य देंचांदी के पात्र में थोड़ा सा दूध लेकर चन्द्र उदय होने के बाद संध्या काल में चन्द्रमा को अर्घ्य देने से चन्द्र की स्थिति मजबूत होती हैमन में आरहे समस्त बुरे विचारदुर्भावनाअसुरक्षा की भावना  माता के स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।
4.   विधि पूर्वक महामृत्युंजय मंत्र का जाप या शिव कवच का पाठ करेंचन्द्र मंत्र  श्रां श्रीं श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः का विधि पूर्वक जप करें 
5.   रात को सोते समय थोडा सा दूध या पानी भरा बर्तन सिरहाने रख कर सोये और अगले दिन कीकर की जड़ में सारा जल डाल दे।



दान : -
1.   चंद्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान सोमवार को चंद्र की होरा और चंद्र के नक्षत्रों (रोहिणीहस्तश्रवणमें प्रातः किया जाना चाहिए। दान करने वाली वस्तुएँदूधदहीकपूरश्वेत चन्दनजलचावलमोतीचांदी,सफेद कपड़ेसफेद पुष्प एवं शंख आदि।
2.   दान से पूर्व चंद्र ग्रह तथा शिवजी की पूजा विधिवत करनी चाहिए उसके बाद नवग्रह की पूजा करे। चंद्र से संबंधित वस्तुओं का दान सोमवार के दिन संध्या में किसी महिला को दान देनी चाहिए यदि महिला को नहीं दे सकते तो ब्राह्मण को देनी चाहिए।
3.   सोमवार के दिनपूर्णमासी या एकादशी को नवयौवना स्त्री को देना चाहिए।

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1.   चांदी का चोकोर टुकडा अपने पास रखें
2.   चारपाई के चारों पायों पर चांदी की कीले लगाएं
3.   शरीर पर चांदी धारण करें , चांदी का कड़ा धारण करें
4.   मकान की नीव में चांदी दबाएं
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1.   चौथे भाव में स्थित चंद्रमा पर केवल चंद्रमा का ही पूर्णरूपेण प्रभाव होता है क्योंकि वह चौथे भाव और चौथी राशि दोनो का स्वामी होता हैयहां चन्द्रमा हर प्रकार से बहुत मजबूत और शक्तिशाली हो जाता हैचंद्रमा से संबन्धित वस्तुएं जातक के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती हैंमेहमानों को पानी की के स्थान पर दूध भेंट करेंमां या मां के जैसी स्त्रियों का पांव छूकर आशिर्वाद लेंचौथा भाव आमदनी की नदी है जो व्यय बढानें के लिए जारी रहेगीदूसरे शब्दों में खर्चे आमदनी को बढाएंगे
2.   श्वेत तथा गोल मोती चांदी की अंगूठी में रोहिणी ,हस्त ,श्रवण नक्षत्रों में जड़वा कर सोमवार या पूर्णिमा तिथि में पुरुष दायें हाथ की तथा स्त्री बाएं हाथ की अनामिका या कनिष्टिका अंगुली में धारण करें। धारण करने से पहले  श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः मन्त्र के 108 उच्चारण से इस में ग्रह प्रतिष्ठा करके धूप,दीप ,पुष्प ,अक्षत आदि से पूजन कर लें।
3.   चंद्रमा की स्थिति को संतुलित करना हो या फिर उसकी ताकत को बढ़ाना होदोनों ही मामलों में रत्न उपयोगी सिद्ध होते हैं। मसलन अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा असंतुलित है तो आपको कम से कम 10 रत्ती का मोती धारण करना चाहिए।


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1.   अनुसार चन्द्रमा कमज़ोर अथवा पीड़ित होने पर व्यक्ति को प्रतिदिन दूध नहीं पीना चाहिए.
2.   स्वेत वस्त्र धारण नहीं करना चाहिएसुगंध नहीं लगाना चाहिए और चन्द्रमा से सम्बन्धित रत्न नहीं पहनना चाहिए |
3.   रात में सिराहने के नीचे पानी रखकर सुबह उसे पौधों में डालना 
4.   चांदी का कड़ा या छल्ला पहनना चाहिए। 
5.   रात के समय दूध ना पीयें
6.   चावलदूध  और पानी,चांदी का दान करे।
7.   सोमवार को सफेद कपड़े में चावलमिश्री बांधकर बहते पानी में प्रवाहित करें

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