अंग फड़कने Ang Farakne Ka Phal:-
कुछ फलित शास्त्रों एवं संहिता ग्रंथों में अनेकों निमित्तों का वर्णन पूर्ण विस्तार से किया गया है। निमित्त उन लक्षणों को कहते हैं जिन्हें देख कर अतीत में घटित हुई और भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का निरूपण किया जाता है। इन्हीं के अंतर्गत शारीरिक अंगों के स्फुरण से आगामी समय में प्राप्त होने वाले शुभाशुभ फल का वर्णन संक्षेप में किया गया है। ज्योतिष के कई प्रकार है जिसमें स्वप्न ज्योतिष, हस्त ज्योतिष, अंग ज्योतिष, तिल ज्योतिष आदि प्रमुख है। अंगो का फड़कना भी ज्योतिष के अनुसार शुभ व अशुभ संकेत के साथ साथ भविष्य में घटने वाली घटनाओं की तरफभी इशारा करते हैं। पांच तत्वों के मिश्रण से निर्मित हमारा शरीर एक सूचना यन्त्र है। आइए जानते हैं कि शरीर के किस अंग के फड़कने से क्या फल मिलता है।
सिर के फड़कने से व्यक्ति को लाभ मिलता है।
सिर का मध्य भाग फड़के तो धन की पा्रप्ति होती है तथा परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
सिर दोनों ओर से फड़के तो धन की प्राप्ति होगी।
सिर का दाहिना हिस्सा फड़कने से विदेश यात्रा करने का अच्छे अवसर प्राप्त होता है।
सिर का बायां हिस्सा फड़के तो दूर की यात्रा से आर्थिक लाभ हो सकता है।
ललाट मध्य से फडक़ ने लगे तो लाभदायक यात्रायें होती हैं।
मस्तक का फड़कना इस बात का सूचक है कि आप विदेश यात्रा कर सकते है।
दाहिनी कनपटी फड़के तो आप जो कार्य करने जा रहें है, उसमें सफलता प्राप्त होगी।
बायीं कनपटी फड़के तो आपकी कोई मनोकामना पूर्ण होने वाली है।
बायीं आंख फड़के तो परिवार के किसी सदस्य अथवा स्वयं को कोई बड़ी बीमारी आ सकती है।
दाहिनी आंख के फड़कने से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
दाहिनी आंख का मध्य भाग फड़के तो व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर धन अर्जित कर लेता है।
दाहिनी आंख चारो तरफ से फड़के तो व्यक्ति के रागी होने की संभावना रहती है।
दोनों भौंह के बीच का स्थान फड़के तो प्रेम मिलता है।
दोनों भौहें फड़कें तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
कपोल फड़के तो शुभ कार्य होते हैं।
गर्दन फड़के तो आप धन कमाने के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते है।
दाहिना कान फड़के तो कोई शुभ समाचार प्राप्त होने वाला है।
बायां कान फड़के तो प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मुलाकात होगी।
कानों का पिछला हिस्सा फड़के तो व्यक्ति को मित्रों से अपमान मिल सकता है।
दाहिना गाल फड़के तो स्वास्थ्य में सुधार बहुत देरी से होगा।
बायें गाल के फड़कने से प्रसन्नता के कार्यो में बाधायें आयेंगी।
दोनो आरे के गाल समान रूप से फडकें तो अपार धन की प्राप्ति होती है।
नाक के फड़कने से धन लाभ होता है।
नाक का दाहिना हिस्सा फड़के तो किसी से झगड़ा हो सकता है।
नाक का बायां हिस्सा फड़कने से प्रसिद्धि एंव धन की प्राप्ति होगी।
नाक की नोक फड़के तो आप किसी मुसीबत में फसने वाले है।
नाक के दोनों नथुने फड़कें तो धन लाभ व सामाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।
नाक की जड़ फड़के तो लडा़ई झगड़ा होने की संभावना रहती है।
दाहिने कान का छेद फड़फडा़ ता है तो मित्र से मुलाकात होती है।
दाहिना कान फड़फड़ाता है तो पद बढ़े, अच्छे समाचार की प्राप्ति हो, विजय मिले।
बांये कान का पिछला भाग फडक़ ता है तो कोई खुश खबरी मिलती है।
मुंह का फड़फड़ाना पुत्र की ओर से किसी शुभ समाचार को सुनवाता है।
पूरा मुंह फड़के तो व्यक्ति की मनोकामनापूर्ण होती है।
सम्पूर्ण मूँछो में फडकन दूध, दही, घी, धन धान्य मिलने का संकेत है।
मूंछ का दांया हिस्सा फडकता है तो इसे शुभ समझना चाहिए।
बाँयी मूंछ फडकती है तो आपका किसी से बहस या झगडा हो सकता है।
होंठ का उपरी हिस्सा फड़के तो शत्रुओं का शमन होगा।
होंठ का निचला हिस्सा फड़के तो किसी मित्र का आगमन होने वाला है।
दोनों होंठ फड़के तो पद, प्रतिष्ठा एंव धन की प्राप्ति होने वाली है।
बांया तालु फड़के तो व्यक्ति को जेल यात्रा करनी पड़ सकती है।
दांत का ऊपरी भाग फडफ़ ड़ाहट करता है तो व्यक्ति को प्रसन्नता प्राप्त होती है।
जीभ फड़के तो लड़ाई झगड़ा होता है, विजय मिलती है।
गर्दन बांयी तरफ से फड़कती हो तो धन हानि होने की आशंका होती है।
गर्दन दांयी तरफ से फडके तो स्वर्ण आभूषणों की प्राप्ति होती है।
कण्ठ के फड़कने से ऐश्वर्यलाभ होता है।
दाहिना कंधा फड़के तो अधिकार एंव साहस में वृद्धि होगी।
बायें कंधे के फड़कने से यह समझना चाहिए कि आपकी कोई मनोकामना पूर्ण होने वाली है।
दोनों कंधे फड़के तो किसी से झगड़े होने की प्रबल सम्भावना होती है।
छाती में फड़फडाहट होना मित्र से मिलने की सूचना।
छाती के दाहिनी आरे की फड़कन हो तो विपदा का संकेत।
छाती के बांयी ओर फड़फड़ाहट हो तो जीवन में।
छाती के मध्य में फड़फड़ाहट हो तो लाके प्रियता मिलती है।
बगल दाहिनी ओर से फड़के तो नेत्रों का रोग हो जाता है।
पसलियां दाहिनी ओर से फड़के तो विपदा आती है।
हृदय फड़के तो इष्टसिद्धी दिलाती है।
पीठ का लगातार फड़कना आगामी समय में किसी संकट की सूचना देता है।
पीठ दांयी ओर से फडक रही है तो धन धान्य की वृद्धि हो सकती है
पीठ के बांये भाग का फडकना मुकद्दमे में हार या किसी से झगडा हो सकता है।
वक्षःस्थल का फड़कना विजय दिलाने वाला होता है।
उदर का फड़कना कोषवृद्धि होती है।
नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुँचाता है।
आंत अथवा आमाशय फड़कना से रोग मुक्ति की सूचना मिलती है।
गुदा का फड़कना वाहन सुख देता है।
नितंबों के फड़कने पर प्रसिद्धि व सुख मिलता है।
दाहिनी भुजा फड़के तो धन, यश व सम्मान मिलने वाला है।
बायीं भुजा फड़के तो कोई खोयी हुयी वस्तु मिलने वाली है।
दाईं ओर की कोहनी फड़के तो झगड़ा होता है।
बाईं ओर की कोहनी फड़के तो धन की प्राप्ति होती है।
हथेली में यदि फडकन हो तो व्यक्ति किसी विपदा में फंस जाता है।
हाथों की अंगुलियां फड़के तो मित्र से मिलना होता है।
कमर का दाहिना हिस्सा फड़कने लगे तो भी आपको धन लाभ होगा।
गुप्तांग फड़के तो दूर की यात्रा पर जाना होता है।
दाईं ओर का अंडकोष फड़के तो खोई वस्तु की प्राप्ति होती है।
बाईं ओर का अंडकोष फड़के तो पुत्र से सुख और विदेश यात्रा का योग बनता है।
बाई जांघ फड़कना दोस्त से मदद मिलने के संकेत हैं।
दाहिनी जांघ फड़के तो अपमान होता है।
दांया घुटना फड़के तो उसे अशुभ माना जाता है।
बायां घुटना फड़के तो शुभ संकेत पाया जाता है।
बांये पैर की पहली अंगुली फड़के तो लाभ होता है इसे एक अच्छा शकुन माना जाता है।
दांये पैर की पहली अंगुली फड़के तो उसे अशुभ संकेत माना जाता है।
पांव की पिंडलियां फड़कती हैं तो यह आपके दुश्मन से परेशानी मिलने के संकेत है।
पैरों की तली से यदि स्फुरण हो तो अनायास ही मान प्रतिष्ठा मिलती है।
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