अंक ज्योतिष:मूलांक व भाग्यांक का नामांक से मेल करके लाभ कैसे प्राप्त करे:Numerology:How to get benefits:
अंक ज्योतिष:मूलांक व भाग्यांक का नामांक से मेल करके लाभ कैसे प्राप्त करे:
मूलांक - जन्म तारीख के कुल योग को मूलांक कहते है ।
भाग्यांक - DD : MM : YYYY के कुल योग को भाग्यांक कहते है।
मूलांक और भाग्यांक:अनुसार काम करने से जीवन में काम पुरे होने मै बाधाऐ नही आती है ।
मूलांक व भाग्यांक का नामांक का मेल न करना।
नामांक का ग्रह उसके मूलांक, भाग्यांक का शत्रु नही होना चाहिए ।
नाम के आगे अथवा पीछे कुछ अक्षरों को जोड़ या घटाकर नामांक का मेल करते हैं ।
नामांक :प्रत्येक अक्षर का एक अंक होता है अत: नाम लिखने के बाद सभी अक्षरों के अंकों को जोड़ा जाता है जिससे नामांक ज्ञात होता है।
मूलांक व भाग्यांक का नामांक से मेल कैसे करे:
मूलांक- किसी भी जातक की जन्मतिथि का योग मूलांक होता है जैसे 4 ,22,31,, तारीखों को जन्मे जातकों का मूलांक 4कहलाएगा।
उदाहरण- किसी जातक की उसकी जन्मतिथि 23.10.1930 है। जातक का मूलांक = 23= 2+3 = 5 है।
भाग्यांक- जन्म की तिथि, माह व वर्ष का योग भाग्यांक होता है जैसे 23 अक्टूबर माह 1930 का भाग्यांक 2+3+1+0+1+9+3+0 =19=9+1=10 =1 होगा।
जातक का नामांक-
राम सिंह
RAM SINGH
2 14 3153 5 = 24= 6
चूंकि नामांक (6) 4व 1का मित्र अंक नहीं है इसलिए जातक को इस नाम में कुछ फेर बदल करना पड़ेगा (मूलांक व भाग्यांक बदल नहीं सकते)। यदि जातक अपना नाम केवल
RAM SING
2 14 3153 = 19= 10 = 1 कर ले जिससे नामांक = 1 हो जाएगा तो उसे लाभ होने लगेगा कारण अंक 1 ,मूलांक व भाग्यांक दोनों का मित्र है जिससे उसे हर काम में लाभ होने लगेगा।
नाम की सारणी (नामांक) बनाने की विधि
A B C D E F G H I J K L M
1 2 3 4 5 8 3 5 1 1 2 3 4
N O P Q R S T U V W X Y Z
5 7 8 1 2 3 4 6 6 6 5 1 2
वर्णाक्षर स्वामी अंक वर्णाक्षर स्वामी अंक
A,I,J,Q,Y 1 E,H,N,X 5
B,K,R 2 U,V,W 6
C,G,L,S 3 O,Z 7
D,M,T 4 F,P 8
9
नौ अंक सबसे श्रेष्ठ है तथा इसे किसी भी वर्णाक्षर का स्वामित्व नहीं मिला। प्रस्तुत अंक तालिका कीरो के सिद्धान्त के अनुसार प्रस्तुत है।
अंको के मित्र-शत्रु
अंकों के प्रभाव की जानकारी हेतु अंक और ग्रह की निम्नांकित तालिका प्रस्तुत की जाती है।
अंक स्वामी ग्रह मित्रांक समांक शत्रु अंक
१ सूर्य ४-८ २,३,७,९ ५,६
२ चन्द्रमा ७-९ १,३,४,६ ५,८
३ गुरु ६-९ १,२,५,७ ४,८
४ हर्षल-राहु १-८ २,६,७,९ ३,५
५ बुध ३-९ १,६,७,८ २,४
६ शुक्र ३-९ २,४,५,७ १,८
७ नेप्चून-केतु २-६ ३,४,५,८ १,९
८ शनि १-४ २,५,७,९ ३,६
९ मंगल ३-६ २,४,५,८ १,७
अंक ज्योतिष:मूलांक व भाग्यांक का नामांक से मेल करके लाभ कैसे प्राप्त करे:
मूलांक - जन्म तारीख के कुल योग को मूलांक कहते है ।
भाग्यांक - DD : MM : YYYY के कुल योग को भाग्यांक कहते है।
मूलांक और भाग्यांक:अनुसार काम करने से जीवन में काम पुरे होने मै बाधाऐ नही आती है ।
मूलांक व भाग्यांक का नामांक का मेल न करना।
नामांक का ग्रह उसके मूलांक, भाग्यांक का शत्रु नही होना चाहिए ।
नाम के आगे अथवा पीछे कुछ अक्षरों को जोड़ या घटाकर नामांक का मेल करते हैं ।
नामांक :प्रत्येक अक्षर का एक अंक होता है अत: नाम लिखने के बाद सभी अक्षरों के अंकों को जोड़ा जाता है जिससे नामांक ज्ञात होता है।
मूलांक व भाग्यांक का नामांक से मेल कैसे करे:
मूलांक- किसी भी जातक की जन्मतिथि का योग मूलांक होता है जैसे 4 ,22,31,, तारीखों को जन्मे जातकों का मूलांक 4कहलाएगा।
उदाहरण- किसी जातक की उसकी जन्मतिथि 23.10.1930 है। जातक का मूलांक = 23= 2+3 = 5 है।
भाग्यांक- जन्म की तिथि, माह व वर्ष का योग भाग्यांक होता है जैसे 23 अक्टूबर माह 1930 का भाग्यांक 2+3+1+0+1+9+3+0 =19=9+1=10 =1 होगा।
जातक का नामांक-
राम सिंह
RAM SINGH
2 14 3153 5 = 24= 6
चूंकि नामांक (6) 4व 1का मित्र अंक नहीं है इसलिए जातक को इस नाम में कुछ फेर बदल करना पड़ेगा (मूलांक व भाग्यांक बदल नहीं सकते)। यदि जातक अपना नाम केवल
RAM SING
2 14 3153 = 19= 10 = 1 कर ले जिससे नामांक = 1 हो जाएगा तो उसे लाभ होने लगेगा कारण अंक 1 ,मूलांक व भाग्यांक दोनों का मित्र है जिससे उसे हर काम में लाभ होने लगेगा।
नाम की सारणी (नामांक) बनाने की विधि
A B C D E F G H I J K L M
1 2 3 4 5 8 3 5 1 1 2 3 4
N O P Q R S T U V W X Y Z
5 7 8 1 2 3 4 6 6 6 5 1 2
वर्णाक्षर स्वामी अंक वर्णाक्षर स्वामी अंक
A,I,J,Q,Y 1 E,H,N,X 5
B,K,R 2 U,V,W 6
C,G,L,S 3 O,Z 7
D,M,T 4 F,P 8
9
नौ अंक सबसे श्रेष्ठ है तथा इसे किसी भी वर्णाक्षर का स्वामित्व नहीं मिला। प्रस्तुत अंक तालिका कीरो के सिद्धान्त के अनुसार प्रस्तुत है।
अंको के मित्र-शत्रु
अंकों के प्रभाव की जानकारी हेतु अंक और ग्रह की निम्नांकित तालिका प्रस्तुत की जाती है।
अंक स्वामी ग्रह मित्रांक समांक शत्रु अंक
१ सूर्य ४-८ २,३,७,९ ५,६
२ चन्द्रमा ७-९ १,३,४,६ ५,८
३ गुरु ६-९ १,२,५,७ ४,८
४ हर्षल-राहु १-८ २,६,७,९ ३,५
५ बुध ३-९ १,६,७,८ २,४
६ शुक्र ३-९ २,४,५,७ १,८
७ नेप्चून-केतु २-६ ३,४,५,८ १,९
८ शनि १-४ २,५,७,९ ३,६
९ मंगल ३-६ २,४,५,८ १,७
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