गुरु चांडाल योग के लक्षण, प्रभाव और बचने के उपाय Chandal yog or Guru chandal yog effects and remedies
क्या है चांडाल योग ? What is Chandal yog /dosh in kundali ?
नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ माना जाने वाला ग्रह गुरु है। किसी भी कार्य के सफल या असफल होने के पीछे गुरु ग्रह की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। गुरु चांडाल योग के प्रभाव से जीवन परेशानियों से भर जाता है। ज्योतिषशास्त्र कुंडली के अनुसार हमारे भविष्य का पूर्वानुमान लगाता है। इसके लिये ज्योतिषशास्त्री अध्ययन करते हैं ग्रहों की दशाओं का। इन दशाओं में कुछ ग्रह बहुत ही खराब माने जाते हैं तो कुछ बहुत शुभ भी। इसी तर खराब ग्रह खराब योग बनाते हैं और शुभ ग्रह शुभ योग। गुरू-चांडाल योग सबसे खराब व नकारात्मक परिणाम देने वाले योगों में से एक माना जाता है। तो आइये जानते हैं कैसे बनता है गुरू चांडाल योग व क्या हैं इससे बचने के उपाय।
what is guru chandal yog and how to check chandal yog in kundli
कुंडली में ऐसे बनता है गुरु चांडाल योग-
गुरू चांडाल योग बहुत ही अशुभ बहुत ही नकारात्मक परिणाम देने वाला माना जाता है तो जाहिर से बात है इसे बनाने में मुख्य भूमिका किसी अनिष्टकारी ग्रह की होगी और वो अनिष्ट कारी ग्रह कोई ओर नहीं बल्कि राहु है। राहु का नाम ही इतना खतरनाक है तो जाहिर है कि परिणाम भी खतरनाक ही होंगे। लेकिन अकेले राहु इस योग को नहीं बनाता बल्कि बुद्धि के देवता माने जाने वाले देव गुरु बृहस्पति यानि कि गुरु के साथ मिलकर इस अनिष्टकारी गुरु चांडाल योग का निर्माण करता है। राहु और गुरु का जब साथ हों या फिर एक दूसरे को किसी भी भाव में बैठे देखते हों तो गुरु चाण्डाल योग बनता है। जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है उसे अपने जीवन में परेशानियों का अंत नज़र नहीं आता।
गुरु चाण्डाल योग का प्रभाव-
Effect of Guru chandal yog
जन्म से ही जिस जातक की कुंडली में ऐसा योग बन रहा हो तो ऐसे जातक की कथनी-करनी में भेद मिलता है। वह निराश व हताश रहता है उसकी प्रकृति आत्मघाती होती है। यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु व राहु साथ होते हैं तो यानि गुरु चांडाल योग बना रहे होते हैं तो ऐसे जातक क्रूर, धूर्त, मक्कार, दरिद्र व कुचेष्टाओं वाले भी बन जाते हैं। ये खुद को सर्वोपरि घोषित करने के लिये गुरुजनों को बड़े बुजूर्गों का निरादर करने में भी गुरेज नहीं करते। ये हर अच्छी चीज़ का उपयोग अपने आपको सर्वोपरि सिद्ध करने के लिये करते हैं। ऐसे जातकों में षड़यंत्रकारी योजनाएं बनाने, अपने समकक्षों, सहकर्मियों से जलन, मित्रों से छल-कपट, दुर्भावना रखने जैसे अवगुणों का विकास भी हो जाता है। ये जातक कामुक प्रवृति के भी हो सकते हैं। साथ ही गुरु चांडाल योग से पीड़ित जातक मानसिक रूप से विकृत भी हो सकते हैं। इनके साथ रहने वाले जातक भी अक्सर इनसे परेशान रहते हैं।
गुरु चाण्डाल योग से बचने के क्या हैं उपाय-
गुरु ज्ञान के कारक व बुद्धि प्रदान करने वाले ग्रह हैं लेकिन जब निकृष्ट यानि नीच स्थान पर ये हों तो बुद्धि काम करना छोड़ देती है। बुद्धि के अभाव में जातक अच्छे-बूरे का निर्णय करने में समर्थ नहीं होता। वहीं राहु भ्रम में डालता है संदेह के घेरे में ले आता है, जातक चालबाजियां करने लग जाता है। नीच का गुरु जहां शुभ प्रभाव देने में नाकाम होता है तो वहीं राहु का साथ रही सही कसर पूरी कर देता है। यानि ऐसे में जातक की बुद्धि भ्रष्ट होनी तय है। ऐसे में जातक को राहु व गुरु दोनों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय करने पड़ते हैं, गुरु चाण्डाल दोष यदि गुरु की शत्रु राशि में बन रहा हो तो भी गुरु व राहु दोनों के उपाय करने पड़ते हैं। लेकिन यदि गुरु उच्च का हो और राहु का उसे साथ हो फिर सिर्फ राहु के उपाय करने से राहु को शांत किया जा सकता है। इसके बाद जातक को गुरु के कारण अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं।
कुछ आसान ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप गुरु चांडाल योग के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं-
1- किसी विद्वान ज्योतिष की सलाह लेकर गले में रुद्राक्ष व पीला पुखराज पहनना इस दोष के दुष्परिणामों से दूर रखता है।
2- भगवान सूर्य का पूजन करने से व्यक्ति का आत्मबल मजबूत होता है। सूर्य अदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ द्वारा सूर्य पूजन करना चाहिये।
3- माथे पर पीले चंदन का टीका लगाये। गले में हल्दी की माला धारण करें।
4- राहु के उपाय के लिये पक्षियों को दाना दें। गैस सिलेंडर या कम्बल दान करें। शिव की उपासना करना लाभदायक होता है।
5- रॉक क्रिस्टल ग्रिड के नीचे फोटो रखने से गुरु चांडाल योग से मुक्ति मिलती है।
6- गुरु चांडाल दोष के लिये विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का नित्य पाठ करना अत्यधिक लाभदायक होता है।
7- गुरु चांडाल योग में राहु की शांति अति आवश्यक है।राहु को शांत करने के लिये आप मंत्र-जाप कर सकते हैं साथ ही मंत्रो का जाप जब पूरा हो जाये तो उसके बाद हवन व जपदान भी करना चाहिये।
8- गुरु की सेवा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से भी गुरु चांडाल दोष का प्रभाव कम होता है।अपने व्यवहार में संयम लाना सीखें, सबसे प्रेम-पूर्वक मिलें व अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।अपनी बुद्धि से कोई निर्णय लेने का प्रयास न करें व अपने से बड़ों व अनुभवी व्यक्ति की राय जरूर लें साथ ही माता-पिता व बुजूर्गों का सम्मान करने से भी गुरु चाण्डाल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
9- पवन सुत श्री राम भक्त हनुमान की पूजा से भी राहु नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हनुमान चालीसा का पाठ करना गुरु चांडाल दोष में संजीवनी का काम कर सकता है।
10-गौ माता की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति तो होती है, इसलिये हरी घास का चारा यदि गौ माता को खिलाएं व गरीब जरुरतमंदों की भोजन, अन्न, वस्त्र, धन आदि से सहायता करें तो इससे भी गुरु चाण्डाल योग के नकारात्मक प्रभावों से आप बच सकते हैं।
11-भगवान भोलेनाथ की नियमित रूप से आराधना, व श्री गणेश की पूजा करने व मंत्र जाप करने से भी शुभ फल मिलते हैं व गुरु चांडाल दोष दूर होता है।
12-कच्चे दूध को बरगद की जड़ में अर्पित करने से भी इसमें लाभ मिलता है।
आइये जानते है कि जन्मपत्री के किस भाव में गुरू चाण्डाल योग के बनने से क्या-क्या प्रभाव पड़ते है।
guru chandal yoga in 1st house
1-यदि लग्न में गुरू चाण्डाल योग बन रहा है तो व्यक्ति का नैतिक चरित्र संदिग्ध रहेगा। धन के मामलें में भाग्यशाली रहेगा। धर्म को ज्यादा महत्व न देने वाला ऐसा जातक आत्म केन्द्रित नहीं होता है।
2-यदि द्वितीय भाव में गुरू चाण्डाल योग बन रहा है और गुरू बलवान है तो व्यक्ति धनवान होगा। यदि गुरू कमजोर है तो जातक धूम्रपान व मदिरापान में ज्यादा आशक्त होगा। धन हानि होगी और परिवार में मानसिक तनाव रहेंगे।
3-तृतीय भाव में गुरू व राहु के स्थित होने से ऐसा जातक साहसी व पराक्रमी होती है। गुरू के बलवान होने पर जातक लेखन कार्य में प्रसिद्ध पाता है और राहु के बलवान होने पर व्यक्ति गलत कार्यो में कुख्यात हो जाता है।
4-चतुर्थ घर में गुरू चाण्डाल योग बनने से व्यक्ति बुद्धिमान व समझदार होता है। किन्तु यदि गुरू बलहीन हो तो परिवार साथ नहीं देता और माता को कष्ट होता है।
5-यदि पंचम भाव में गुरू चाण्डाल योग बन रहा है और बृहस्पति नीच का है तो सन्तान को कष्ट होगा या सन्तान गलत राह पकड़ लेगा। शिक्षा में रूकावटें आयेंगी। राहु के ताकतवर होने से व्यक्ति मन असंतुलित रहेगा।
6-षष्ठम भाव में बनने वाले गुरू चाण्डाल योग में यदि गुरू बलवान है तो स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और राहु के बलवान होने से शारीरिक दिक्कतें खासकर कमर से सम्बन्धित दिक्कतें रहेंगी एंव शत्रुओं से व्यक्ति पीडि़त रह सकता है।
7-सप्तम भाव में बनने वाले गुरू चाण्डाल योग में यदि गुरू पाप ग्रहों से पीडि़त है तो वैवाहिक जीवन कष्टकर साबित होगा। राहु के बलवान होने से जीवन साथी दुष्ट स्वभाव का होता है।
8-यदि अष्टम भाव में गुरू चाण्डाल योग बन रहा है और गुरू दुर्बल है तो आकस्मिक दुर्घटनायें, चोट, आपरेशन व विषपान आदि की आशंका रहती है। ससुराल पक्ष से तनाव भी बना रहता है। इस योग के कारण अचानक समस्यायें उत्पन्न होती है।
9-नवम भाव में बनने वाले गुरू चाण्डाल योग में गुरू के क्षीण होने से धार्मिक कार्यो में कम रूचि होती है एंव पिता से वैचारिक सम्बन्ध अच्छे नहीं रहते है। पिता के लिए भी यह योग कष्टकारी साबित होता है।
10-दशम भाव में बनने वाले गुरू चाण्डाल योग में व्यक्ति में नैतिक साहस की कमी होती, पद, प्रतिष्ठा पाने में बाधायें आती है। व्यवसाय व करियर में समस्यायें आती है। यदि गुरू बलवान है तो आने वाली बाधायें कम हो जाती है।
11-एकादश भाव में बनने वाले गुरू चाण्डाल योग में राहु के बलवान होने से धन गलत तरीके से भी आता है। दुष्ट मित्रों की संगति में पड़कर व्यक्ति गलत रास्ते पर भी चल पड़ता है। यदि गुरू बलवान है तो राहु के अशुभ प्रभावों को कुछ कम कर देगा।
12-द्वादश भाव में बन रहेे गुरू चाण्डाल योग में आध्यात्मिक आकांक्षाओं की प्राप्ति भी गलत मार्ग से होती है। राहु के बलवान होने से शयन सुख में कमी रहती है। आमदनी अठन्नी खर्चा रूपया रहता है। गुरू यदि बलवान है तो चाण्डाल योग का दुष्प्रभाव कम रहता है।
गुरू चाण्डाल योग निवारण के उपाय-
अपने गुरू का सम्मान करें और माता-पिता को किसी भी प्रकार मानसिक कष्ट न दें।
भगवान विष्णु के सहस्र नाम का पाठ करें।
भैरव स्त्रोत व चालीसा का नित्य पाठ करें।
गुरू को बलवान करने के लिए केसर व हल्दी का प्रयोग करें।
गुरूवार व शनिवार को मदिरा एंव धूम्रपान का सेंवन कदापि न करें।
गुरूवार के दिन पीपल पेड़ के सेवा करें एंव वृद्धजनों को भोजन करायें।
Guru Chandal Yoga In Astrology or Jupiter & Rahu Conjunction
Jupiter with Rahu or guru Rahu same house conjunction is known as guru chandal yoga or guru chandal dosh. The Guru (teacher) and Chandal (demon) create this Yoga (union). In very simple words I will define you Jupiter and Rahu first in single line:
Rahu always gives wealth, power, and ambition but never gives peace, happiness and stability in life.
Jupiter is totally opposite, it gives wealth, power, intelligence but with stability, peace and happiness.
The conjunction will last for around one year which means that all persons born during the year will have Guru Chandala yoga. But due to cancellation of guru chandal yoga or sometimes this yoga become benefit guru chandal yoga will give good results also. I always tell to my readers “every coin has two sides”, yes I know, you know also this is style of Bhatt’s articles.
In Vedic astrology, the planet Jupiter is known as Teacher which means the guide. Jupiter is considered as a Brahmin and teacher of god. He knows the scriptures, Vedas and is considered as most benefic planet. This planet shows principled, Rules-maker, spiritualism, honesty, religious nature and makes the individual principled. Jupiter also signifies growth, knowledge, wealth, religion, higher values, great teacher, saint, intelligent minister and path maker for life.
What is Rahu: Rahu is known to be shadow planet. It shows virtual or illusion, addiction (Moh-maya). It is known to be the head of a serpent. It is highly intelligent and poisonous but Greediness, rule breaking, disregards culture, disrespectful, never follows rules and regulations, but wants to implement their own rules and regulations on everyone or for society. It is the very opposite of Ketu which shows Hidden pains and sorrow, secluded, desire for moksha and spiritualism because Ketu is lower part of body without head he cannot see the world so he want to moksha and spiritualism and liberation of our soul. Rahu gives illusions of this world. It is highly materialistic and gives the desires of this world. It provides material riches to the native and creates ambition to achieve more but it does not give happiness. Rahu-Ketu does not have a nature of its own. It takes on the qualities of the planet it is with or the sign it occupies and gives the results accordingly.
Guru rahu yuti (guru rahu yuti in 1st house)depends on many condition, we cannot conclude good or bad results of benefic/malefic Jupiter in the birth chart from single point. Guru rahu together is not always inauspicious. If a Rahu Jupiter combination of a benefic Jupiter and a benefic Sun and Ketu is present in an individual’s astrological birth chart, the native may become a celebrity due to strong influence of such beneficial yoga. Jupiter conjunction north node is strong then it produce successful and religious person if bad then cunning and immoral.
Why it can give bad results because Jupiter has immense intelligence that can use by Rahu & Rahu can dominate Jupiter in the Horoscope and uses Jupiter energy in wrong deeds.
Conditions: What is chandal dosha in kundli
Which planet more powerful Jupiter or Rahu in horoscope
Which planet getting aspect from friends’ planet
Constellation of planet favorable or bad.
How near both planet degrees wise
Which sign these planets there?
Any other planet has conjunction with this yoga.
Strength of Jupiter and Rahu in D-9 or guru chandal yoga in navamsa chart
Jupiter Rahu conjunction benefic or malefic
Benefic or good effects of guru chandal yoga:
In conjunction if Jupiter is strong then it may give name-fame with wealth.
It can give immense wealth and huge social status.
People become saint, political leader or any social leader.
Deterministic, scholar, scientist, religious mind.
Malefic or bad effects of guru chandal yoga:
Fake teacher, cunning and smuggler, earn from charitable trust.
Cheating, big fraud and corruption, fraud in NGO.
Loose character, immoral deeds if influence with Venus or Saturn
If this yoga bad in D-1 as well as D-9 also then it becomes one of worst yoga in the chart.
Example: Sagittarius ascendant, Jupiter and Rahu in Pisces and there is close conjunction of Venus in same house within 5 degree with Rahu. It shows Jupiter has ascendant and own house placement but still 4th house exalted Venus (Nakhstra also matters) gives power to Rahu because close conjunction with Rahu makes people scandalous (affairs, immoral deeds) and less peace in amily. Here Rahu destroys good effects of Jupiter with help of Venus and gives what he wants.
The effects of Guru Chandal Yoga in different houses or guru rahu chandal yoga effects
Guru chandal yoga 1st House or Jupiter Rahu conjunction in 1st house: Guru chandal yoga in lagna(guru chandal yoga in 1st house) or If this Yoga is in Ascendant (Lagna) gives instability in life, sudden down fall in the life or moral character of the person will be questionable. The person will be self-centered, but wealth gains and in money matters he will be lucky. When yoga is strong, the person will have no regard for spiritual values. If Jupiter is strong and benefic, the person will be well behaved and learned.
Guru chandal yoga 2nd house or Jupiter Rahu conjunction in 2nd house: Guru chandal yoga in 2nd house and Jupiter is benefic, individual will be wealthy and will have good strong career, assets, home or if Jupiter is malefic, there is indication for, worries, mental stress, financial losses and family problems.
Guru chandal yoga 3rd House or Jupiter Rahu conjunction in 3rd house: Guru chandal yoga in 3rd house native will be very courageous, born leader and lucky. People may have brothers and take benefits from them. If Jupiter is malefic native will have loss of brother, low confidence, even the native may be notorious.
Guru chandal yoga 4th House or Jupiter Rahu conjunction in 4th house: Guru chandal yoga in 4th house shows good education and native will be sharp, intelligent, witted and government job. Person will have own house or property, if aspected by benefic planets. If Jupiter is malefic, there will be disturbances in family life and may involve in immoral deeds.
Guru chandal yoga 5th House or Jupiter Rahu conjunction in 5th house: Guru chandal yoga in 5th house, If Jupiter is malefic or afflicted, then there may be troubles in having children or troubles through children. Education also suffers and bad luck due to bad deeds of last birth. People may have self-centered nature. Jupiter is benefic, and then native will be learned, intelligent, wealthy, well-educated and lucky regarding progeny.
Guru chandal yoga 6th House or Jupiter Rahu conjunction in 6th house: Guru chandal yoga in 6th house confers native will achieve success and wealth; however, there can be issues with health. Jupiter and Rahu malefic then may have some problems with enemies and court-case. It may give disease in lower part of body, difficult to identify disease and mental problems in office.
Guru chandal yoga 7th House or Jupiter Rahu conjunction in 7th house: Guru chandal yoga in 7th house affects marriage. Guru chandal yoga and marriage , this is not good placement for marriage, sometimes one partner cheat others, If Jupiter is afflicted by malefic planets, there will be troubles in married life. If this placement has strength then gives very good business sense and political success.
Guru chandal yoga 8th House or Jupiter Rahu conjunction in 8th house: Guru chandal yoga in 8th house and Jupiter is not well placed, accidents, injuries or destruction is indicated during periods of Jupiter or malefic planets. The native suffers from colic pains or he may suffer from the injuries near the naval. These injuries are likely to give lifelong scars. If tis conjunction is benefic then gives knowledge of occult, scientist, great healer and yoga guru.
Guru chandal yoga 9th House or Jupiter Rahu conjunction in 9th house: Guru chandal yoga in 9th house bad often. 9th house one of the most strongest house, If this conjunction badly placed then gives struggle in life, punishment from government, sudden loss, unstable job, unhappiness because of partner, sudden loss of money and job. Jupiter aspect 3rd house may give problems with co-born. If well placed Jupiter is there then it can give very religious mind, peoples may face some problem in life but their positive attitude gives strength to regain again. The native will achieve success through all means. They may success in late age and faraway place from birth.
Guru chandal yoga 10th House or Jupiter Rahu conjunction in 10th house: Guru chandal yoga in 10th house gives unstable career. A person born under Guru Chandal Yoga in the tenth house will lack moral courage but there will be no obstruction in getting wealth and material prosperity. He will own many houses and commercial properties. This placement not strong then may give very unstable career, loss of wealth, bad relation with higher authority.
Guru chandal yoga 11th House or Jupiter Rahu conjunction in 11th house: Guru chandal yoga in 11th house not good. This placement may give huge amount of money but from wrong places. Sudden loss and gains of money also seen from this yoga. If this Yoga is strong and benefic in the eleventh house, there will be influx of money, though the money may come through wrong channels. The native will enjoy a luxurious life.
Guruchandal yoga 12th House or Jupiter Rahu conjunction in 12th house: Guru chandal yoga in 12th house.This yoga can delivers highly presided saints but spot in his spiritual career will be there. It shows spiritual aspirations will be wrong channels and the persons thinking will not be right or what they think is always wrong. When Jupiter is strong and occupies a benefic or favorable house (Bhava), the Yoga becomes beneficial and effects of Guru- Chandal yoga are minimized. If aspected by benefic planets, then native will be very active in religious activities.
Guru chandal dosh remedy or remedies for guru chandal dosha
Guru chandal dosha nivaran is important, you should just do some simple remedy.
Wearing Rudraksha.
Wearing energized Natural Yellow Sapphire Gemstone.
Take care of a cow everyday
Always go to the temple and offer your services there
Eat turmeric and daan of turmeric
Care of your mother or mother in law.
चंडाल दोष निवारण पूजा
चंडाल दोष शांति पूजा Guru Chandal dosh shanti puja
चंडाल दोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। चंडाल दोष की शांति के लिए नौ ग्रहों को उनके मंत्रों द्वारा शांत किया जाता है।
चंडाल दोष निवारण पूजा के लाभ-:
यह पूजा अथवा अनुष्ठान कराने से आपके महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं।
इस पूजा के प्रभाव से आपके जितने भी रुके हुए काम हैं वो पूरे हो जाते हैं।
शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं।
नौकरी, करियर और जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है।
पूजन का समय :
पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।
यजमान द्वारा वांछित जानकारी :
नाम एवं गोत्र, पिता का नाम
जन्म तारीख, स्थान
चंडाल दोष निवारण पूजन का अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए करवाने का समय ले सकते हैं। जिस किसी के लिए चंडाल दोष की शांति के लिए आप ये पूजा करवाना चाहते हैं उसका नाम, जन्म स्थान, गोत्र और पिता का नाम अवश्य ज्ञात होना चाहिए।
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