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जन्म कुंडली एवम व्यवसाय

जन्म कुंडली एवम व्यवसाय
व्यवसाय का प्रश्न मानव के लिए सदैव से बहुत महत्वपूर्ण रहा है |समय पर उचित मार्गदर्शन का अभाव ,अपनी रूचि व प्रकृति के अनुसार शिक्षा का न होना एवम भविष्य का अज्ञान इत्यादि अनेक कारणों से आज के युवकों को अपनी योग्यता व  पसंद का रोजगार नहीं मिलता | अनेक युवकों ने शिक्षा व विशेषज्ञता  किसी और क्षेत्र में प्राप्त की है पर व्यवसाय किसी अन्य क्षेत्र में कर रहें हैं | इस से न तो वे अपने साथ न्याय करते हैं और न ही व्यवसाय के साथ |  निश्चित जन्म कुंडली से मार्ग दर्शन ले कर यदि हम उनकी प्रकृति व संभावित व्यवसाय के अनुरूप अपने बच्चों की शिक्षा का स्वरूप निश्चित करें तो उन्हें किसी अनिश्चय का सामना नहीं करना पड़ेगा | किसी व्यक्ति की वृत्ति क्या होगी , आजीविका स्वदेश में होगी या विदेश में ,सरकारी सेवा करेगा या व्यापार ,किन पदार्थों के क्रय -विक्रय से लाभ या हानि होगी , व्यवसाय में सफलता या असफलता का संभावित समय  इत्यादि प्रश्नों के विषय में  व्यक्ति की जन्म कुंडली या प्रश्न कुंडली  उचित मार्ग दर्शन प्रदान कर सकती है |   जन्मकुंडली या प्रश्नकुंडली के दशम एवम सप्तम भाव से व्यक्ति के व्यवसाय का विचार किया जाता है | लग्न ,चन्द्र व सूर्य में जो बली हो  उस से दशम भाव में स्थित ग्रह अपने कारकत्व के अनुसार वृत्तिकारक होता है | एक से अधिक ग्रह उस स्थान पर हों तो व्यवसाय भी एक से अधिक होंगे पर मुख्य आजीविका सबसे बलवान ग्रह की होगी | यदि दशम भाव में कोई ग्रह न हो तो दशमेश के नवांशेश  के अनुसार वृत्ति होगी | , के बल के अनुसार व्यवसाय में सफलता -असफलता व लाभ -हानि का विचार करना चाहिए |

ग्रहों का कारकत्व
सूर्यादि ग्रहों का व्यवसाय एवम विभिन्न पदार्थों  से सम्बंधित कारकत्व निम्नलिखित प्रकार से है —–
सूर्य — सरकारी सेवा ,उच्च  स्तरीय प्रशासनिक सेवा ,विदेश सेवा ,उड्डयन ,ओषधि ,चिकित्सा ,सभी प्रकार के अनाज ,लाल रंग के पदार्थ , शहद ,लकड़ी व प्लाई वुड का कार्य ,सर्राफा , वानिकी ,ऊन व ऊनी वस्त्र ,पदार्थ विज्ञान ,अन्तरिक्ष विज्ञान ,फोटोग्राफी ,नाटक ,फिल्मों का निर्देशन ,राजनीति इत्यादि |
चन्द्र — श्वेत पदार्थ ,चांदी ,जल से उत्पन्न पदार्थ , डेयरी उद्योग , कोल्ड ड्रिंक्स , मिनरल वाटर ,आइस क्रीम ,आचार -चटनी -मुरब्बे , नेवी ,जल आपूर्ति विभाग ,नहरी  एवम  सिंचाई विभाग ,नमक ,चावल ,चीनी , पुष्प सज्जा ,मशरूम ,नर्सिंग , यात्राएं ,मत्स्य से सम्बंधित क्षेत्र , सब्जियां ,लांड्री ,आयात -निर्यात ,मोती , आयुर्वेदिक औषधियां ,कथा -कविता लेखन  इत्यादि

मंगल — धातुओं से सम्बंधित कार्य क्षेत्र ,सेना ,पुलिस ,चोरी ,बिजली का कार्य ,विद्युत् विभाग ,इलेक्ट्रिक एवम इलेक्ट्रोनिक इंजिनीयर ,लाल रंग के पदार्थ ,जमीन का  क्रय -विक्रय ,बेकरी ,कैटरिंग ,हलवाई,इंटों का भट्ठा, रक्षा विभाग ,खनिज पदार्थ ,बर्तनों का कार्य , वकालत , शस्त्र निर्माण , बॉडी बिल्डिंग ,साहसिक खेल ,ब्लड बैंक ,फायर ब्रिगेड ,आतिशबाजी ,रसायन शास्त्र ,होटल एवम रेस्तरां ,फास्ट -फ़ूड , जूआ ,मिटटी के बर्तन व खिलोने , शल्य चिकित्सक इत्यादि

बुध — व्यापार ,गणित ,संचार क्षेत्र ,मुनीमी ,दलाली ,आढ़त ,हरे पदार्थ ,सब्जियां ,शेयर मार्किट ,लेखा कार ,कम्प्यूटर ,फोटोस्टेट ,मुद्रण ,ज्योतिष ,लेखन ,डाक -तार ,समाचार पात्र ,दूत कर्म ,टाइपिस्ट ,कोरियर  सेवा ,बीमा ,सैल टैक्स ,आयकर विभाग , सेल्ज मैन,गणित व कोमर्स के अध्यापक ,हास्य व्यंग के चित्रकार या कलाकार इत्यादि |
गुरु —  बैंकिंग ,न्यायालय ,पीले पदार्थ ,स्वर्ण ,शिक्षक ,पुरोहित ,शिक्षण संस्थाएं ,राजनीति ,पुस्तकालय ,सभी प्रकार के फल ,मिठाइयाँ ,मोम ,घी ,प्रकाशन ,प्रबंधन ,दीवानी वकालत ,किरयाना इत्यादि |
शुक्र — चांदी के जेवर या अन्य पदार्थ ,अगरबत्ती व धूप ,श्वेत पदार्थ , कला क्षेत्र ,अभिनय , टूरिज्म , वाहन ,दूध दही ,चावल ,शराब ,श्रृंगार के साधन ,गिफ्ट हॉउस ,चाय -कोफ़ी ,गारमेंट्स ,इत्र,,ड्रेस डिजायनिंग ,मनोरंजन के साधन ,फिल्म उद्योग ,वीडियो पार्लर ,मैरिज  ब्यूरो ,इंटीरियर डेकोरेशन ,हीरे के आभूषण ,पालतू पशुओं का व्यापार या चिकित्सक , चित्रकला तथा स्त्रियों के काम में आने वाले पदार्थ , मैरिज पैलेस एवम विवाह में काम आने वाले सभी कार्य व पदार्थ  इत्यादि |
शनि — नौकरी ,मजदूरी ,ठेकेदारी ,लोहे का कार्य ,मैकेनिकल इंजिनियर ,चमड़े का काम ,कोयला ,पेट्रोल ,प्लास्टिक एवम रबर  उद्योग ,काले पदार्थ ,स्पेयर पार्ट्स ,पत्थर एवम चिप्स ,श्रम एवम समाज कल्याण विभाग ,प्रेस , टायर उद्योग ,पलम्बर , मोटा अनाज ,कुकिंग गैस ,घड़ियों का काम ,कबाड़ी का काम ,भवन निर्माण सामग्री इत्यादि |

उपरोक्त सूत्र के अतिरिक्त दशमेश की भाव स्थिति एवम दशमांश कुंडली का विश्लेष्ण भी व्यवसाय का चुनाव करने में सहायक होता है |
दशमेश की भाव स्थिति  दशमेश यदि —–
पहले भाव में हो तो  व्यक्ति सरकारी सेवा करता है या उस  का निज का स्वतंत्र व्यवसाय होता है |
दूसरे भाव में हो तो  बैंकिंग ,अध्यापन ,वकालत ,पारिवारिक काम ,होटल व रेस्तरां ,आभूषण एवम नेत्रों का चिकित्सक या ऐनकों से सम्बंधित व्यवसाय होगा |
तीसरे भाव में हो तो रेलवे ,परिवहन ,डाक एवम तार ,लेखन ,पत्रकारिता ,मुद्रण ,साहसिक कार्य , नौकरी ,गायन -वादन से सम्बंधित व्यवसाय होगा |

चौथे  भाव में हो तो खेती -बाड़ी ,नेवी ,खनन ,जमीन -जायदाद ,वाहन उद्योग ,जनसेवा ,राजनीति ,लोक निर्माण विभाग ,जल परियोजना , आवास निर्माण,आर्किटेक्ट ,सहकारी उद्यम इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
पांचवें भाव में हो तो शिक्षण ,शेयर मार्केट , आढत -दलाली ,लाटरी ,प्रबंधन ,कला कौशल ,मंत्री पद ,लेखन,फिल्म निर्माण  इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
छटे भाव में हो तो जन स्वास्थ्य , नर्सिंग होम ,अस्त्र -शस्त्र ,सेना ,जेल ,चिकित्सा ,चोरी ,आपराधिक कार्य ,मुकद्दमेबाजी तथा पशुओं इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
सातवें भाव में हो तो विदेश सेवा ,आयात -निर्यात , सहकारी उद्यम , व्यापार ,यात्राएं , रिश्ते कराने का काम  इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
आठवें भाव में हो तो बीमा ,जन्म -मृत्यु विभाग ,वसीयत , मृतक का अंतिम संस्कार कराने का काम , आपराधिक कार्य ,फाईनैंस  इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
नवें भाव में हो तो  पुरोहिताई ,अध्यापन ,धार्मिक संस्थाएं ,न्यायालय ,धार्मिक साहित्य, प्रकाशन शोध कार्य  इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
दसवें भाव में हो तो राजकीय एवम प्रशासकीय सेवा ,उड्डयन क्षेत्र ,राजनीति ,मौसम विभाग ,अन्तरिक्ष , पैतृक कार्य इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
ग्यारहवें भाव में हो तो लोक या राज्य सभा पद ,आयकर ,बिक्री कर ,सभी प्रकार के राजस्व ,वाहन,बड़े उद्योग  इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |
बारहवें भाव में हो तो कारागार,विदेश प्रवास ,राजदंड इत्यादि से सम्बंधित व्यवसाय हो सकता है |

व्यवसाय प्राप्ति / पदोन्नति का समय

दशमेश ,दशम भाव स्थित ग्रह,दशम भाव तथा दशमेश को देखने वाला ग्रह  ,दशमेश से युक्त ग्रह ,दशमेश का नवांशेश ग्रह ,दशम भाव का कारक ग्रह अपनी महादशा ,अन्तर्दशा व प्रत्यंतर दशा में अपने बल एवम प्रकृति के अनुसार व्यवसाय से सम्बंधित शुभाशुभ फल प्रदान करते हैं | उपरोक्त ग्रह यदि जन्म कुंडली में स्व -मित्र -उच्च  राशि नवांश में हों तो व्यवसाय सम्बन्धी  शुभ फल  अन्यथा अशुभ फल प्रदान करते हैं |गोचर में लग्नेश व दशमेश का युति या दृष्टि सम्बन्ध ,लग्नेश का दशम भाव में या दशमेश का लग्न में गोचर होने पर  भी व्यवसाय से सम्बंधित शुभ या अशुभ फल मिलता है | गोचर के समय भी उपरोक्त ग्रह स्व -मित्र -उच्च  राशि नवांश में हों तो व्यवसाय सम्बन्धी  शुभ फल  अन्यथा अशुभ फल प्रदान करते हैं | जन्मकालीन  दशम भाव ,दशमेश की राशि में या उनसे पांचवें -नवें  स्थान पर गोचर में बृहस्पति हो तो शुभ फल तथा शनि हो तो  अशुभ फल मिलता है गोचर में दशमेश शुभ युक्त ,शुभ दृष्ट , स्व -मित्र -उच्च  राशि नवांश का ,लग्न से शुभ  स्थानों पर जाएगा तो व्यक्ति को व्यवसाय प्राप्ति ,सफलता ,पदोन्नति ,यश मान में वृद्धि कराएगा तथा जब अशुभ युक्त या दृष्ट ,नीचस्थ -अस्त – शत्रु राशि नवांश में , लग्न से 6,8,12 वें भाव में जाएगा तो व्यवसाय चिंता ,हानि ,पद अवनीति तथा मान हानि कराएगा | दशा एवम गोचर ,दोनों के तालमेल से शुभाशुभ फल का निर्णय करना चाहिए | दशमेश निर्बल हो या व्यवसाय में अडचनें आ रहीं हों तो दशमेश ग्रह के रत्न को धारण करें  , उसके वार में व्रत रखें ,उस से सम्बंधित पदार्थों का उस के वार में दान करें तो अशुभ फल की निवृति होगी तथा व्यवसाय में सफलता मिलेगी |

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