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Ketu Shanti ke Upay ( केतु शांति के उपाय)


केतु
नियम :-
1.   अंडेशराबमांसतम्बाकूएवं धूम्रपान का सेवन  करें।
2.   कुत्ता पालना या कुत्ते की सेवा करनी चाहिए (रोटी खिलाना), कुत्तों की देखभाल करें।
3.   किसी को अपने मन की बात नहीं बताएं एवं बुजुर्गों एवं संतों की सेवा करें यह केतु की दशा में राहत प्रदान करता है
4.       केतु-ग्रह के लिए पत्नी के भाई (साले), बेटी के पुत्र (दोहते बेटी के पति (दामादकी सेवा अवश्य करें। यहां सेवा का मतलब है जब भी ये घर आएं तो इन्हें इज्जत दें
5.       केतु पुत्र और छोटे बच्चो का कारक है  केतु की दशा में अथवा केतु की सूर्य या चंद्रमा से युति होने पर दोष निवारण के लिए छोटे बच्चो और पुत्र के साथ अच्छा व्यवहार करें 

उपाय :-
1.       गणेश चतुर्थी का व्रत रखेगणेश उपासना करे। गणेश चतुर्थी की पूजा करेश्री गणपति अथर्वशीर्ष का जाप करें।
2.   केतु की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें पलाश पुष्प सकाशं तारका ग्रह मस्तकम्। रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्”  ' स्रां स्रीं स्रौं केतवे नम:'
3.       कान छिदवाये और कुत्ता पालेकाले-सफ़ेद कुत्ते को को रोटी डाले। पांच नींबूपांच गुरुवार तक भैरव जी को चढ़ाएं।
4.       मछलियों को आटे की गोलियाँ डाले। चीटियों को चीनी मिश्रित आटा खियाएं।
5.   शिव मंदिर में ध्वज लगाने से भी केतु शांत होता है। केतु को ध्वज का प्रतीक भी माना जाता है 
6.       काले और सफ़ेद तिल बहते पानी में बहाए।
7.       रविवार या शुक्रवार को किसी भी भैरव मंदिर में अगरबत्ती जलाएं। नारियल चढ़ाएं।
8.    बुधवार को बुध के नक्षत्र में अश्वगंधा मूल धारण करें।


दान : -
1.   काले-सफेद रंग का दुरंगा कम्बल दान करना चाहिए। केतु का दान साधु को देना चाहिए।
2.   रेलवे स्टेशन पर जाकर किसी कोढ़ीभिखारी को मदिरा की बोतल दान करें।
3.   सवा सौ ग्राम काले तिलसवा सौ ग्राम काले उड़दसवा 11 रुपएसवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर में बुधवार के दिन चढ़ाएं।
4.   केतु ग्रह के लिए निम्नलिखित वस्तुओ का दान करना चाहिए। दान से पूर्व गणेश पूजा करनी चाहिए उसके बाद नवग्रह की पूजा करे तत्पश्चात क्षेत्रपाल की पूजा करे। केतु से संबंधित वस्तुओं का दान बुधवार या मंगलवार के दिन से शुरू करना चाहिए। तिलतेलसात प्रकार का अन्नकेलाकंबलबकराशस्त्रनारियलउड़दभूरे रंग की वस्तु का दान करे। साधुकोढ़ीदीन-मलीन भिखारियों को यथाशक्ति दान करें।
5.   राहू का उपाय करे।   रविवारबुधवार या गुरुवार के दिन एक रोटी लें। इस रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली से तेल में डुबोकर लाइन खींचें। यह रोटी किसी भी दो रंग वाले कुत्ते को खाने को दीजिए। अगर कुत्ता यह रोटी खा लें तो समझिए आपको भैरव नाथ का आशीर्वाद मिल गया। अगर कुत्ता रोटी सूंघ कर आगे बढ़ जाए तो इस क्रम को जारी रखें लेकिन सिर्फ हफ्ते के इन्हीं तीन दिनों में (रविवारबुधवार या गुरुवार) यही तीन दिन भैरव नाथ के माने गए हैं।

6.   शनिवार के दिन शहर के किसी भी ऐसे भैरव नाथ जी का मंदिर खोजें जिन्हें लोगों ने पूजना लगभग छोड़ दिया हो। रविवार की सुबह सिंदूरतेलनारियलपुए और जलेबी लेकर पहुंच जाएं। मन लगाकर उनकी पूजन करें। बाद में 5 से लेकर 7 साल तक के बटुकों यानी लड़कों को चने-चिरौंजी का प्रसाद बांट दें। साथ लाए जलेबीनारियलपुए आदि भी उन्हें बांटे। याद रखिए कि अपूज्य भैरव की पूजा से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।


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