मंगल
नियम :-
1. अंडे, शराब, मांस, मछली, तम्बाकू, एवं धूम्रपान का सेवन न करें ।
2. ब्रह्मचर्य का पालन करें ।
3. मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए। नित्यक्रिया से निपटकर स्नान कर स्वच्छ होना चाहिए।
4. भाई की सेवा करे।
5. मंगल से पीड़ित व्यक्ति ज्यादा क्रोध न करें।
6. अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए।
7. किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं दिखाएं।
8. किसी भी प्रकार के व्यसनों में लिप्त नहीं होना चाहिए ।
9. मंगल भाई, पराक्रम और तृतीय भाव का कारक है । मंगल की कृपा के लिए भाई के प्रति सम्मान, सेवा और सहायता का भाव रखे ।
उपाय :-
1. मंगलवार का व्रत करें, व्रत का संकल्प हाथ में पानी ले कर करें, मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से आरम्भ कम से कम 21 और अधिक से अधिक 45 मंगलवार का व्रत करना चाहिए। पहले मंगलवार व्रत कथा पढ़ें फिर उसके बाद हनुमानजी की पूजा करे।
2. हनुमान जी की आराधना करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। सुंदर कांड का पाठ करें।
3. हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाये।
4. भूमि पूजन करें ।
5. मंगल पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें: ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्न: भौम प्रचोदयात।। ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
6. अनंत मूल जड़ी धारण करें। इस जड़ी को मंगलवार को मंगल की होरा और मंगल के नक्षत्र में धारण करें।
दान : -
1. मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान मंगलवार को मंगल की होरा एवं मंगल ग्रह के नक्षत्रों मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) में किया जाना चाहिए। दान से पूर्व मंगल ग्रह तथा हनुमानजी की पूजा विधिवत करनी चाहिए उसके बाद नवग्रह की पूजा करे। मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान मंगलवार के दिन दोपहर में किसी ब्रह्मचारी को दान देनी चाहिए यदि ब्रह्मचारी नही मिले तो ब्राह्मण को देनी चाहिए।
2. दान करने वाली वस्तुएँ- लाल मसूर, सौंफ, मूंग, गेहूँ, लाल कनेर का पुष्प, तांबे के बर्तन गुड़, भूमि, लाल चन्दन, लाल वस्त्र एवं गुड़ आदि।
3. गाय को गुड़ और रोटी खिलाये ।
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