साधारण तौर पर नींबू को आड़ा काट जाता है लेकिन जब नींबू की बलि देनी हो तब नींबू को खड़ा करके सिंदूर-कुंकुम आदि लगाकर खड़ा ऊपर सर से नीचे की और काट जाता है नींबू में एक माथा (सिर) और एक पूछ होती है सिर से काटा जाता है सिर जहाँ से नींबू पेड़ के डंठल से जुड़ा रहता है
अपनी कोई सिद्धि की शक्ति बनाये रखने के लिए, या देवी देवता को प्रसन्न करने के लिए या घर से नेगेटिव एनर्जी को बाहर करने के लिए घर की चौखट पर नींबू खड़ा रखकर उस पर कुम कम लगाकर काटें !
सिद्ध प्राण-प्रतिष्ठित दुर्गा बीसा यंत्र के सामने या काली मां/दुर्गाजी की फ़ोटो के सामने एक थालि में 03 नींबू आड़े काटकर कर्पूर में लौंग लगाकर जलाएं साथ में मंत्र पढें !
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जो मंत्र आपने सिध्द किया हो या नहीं तो भी "ॐ ऐम ह्रीं क्लीम चामुण्डायै विच्च" या ॐ दुम दुर्गायै नमः ।।
एक बार फिर से नींबू की बलि देने के लिए उसे खड़ा करके सिर से पूँछ चाकू से काट जाता है, नींबू की बलि में नींबु को आड़ा नही काटना चाहिए ! एक बार चाकू फ़साने के बाद चाकू को निकालकर दोबारा नहीं काटना मतलब दोबारा ऊपर नहीं लेना है एक बार में ही काटकर अलग करना होता हैं ! नींबू की बलि देने से पूर्व उस पर सिंदूर कुमकुम आदि लगा लें !
आड़ा नीम्बू भोग आदि देंने के लिए
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