Rahu in different houses राहु का विभिन्न भाव में फल
लाल किताब के अनुसार राहू rahu का विभिन्न भावों में क्या असर रहता है और इसका क्या इलाज किया जा सकता है, इस लेख में हम इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। इससे पहले यह जान लेते हैं कि राहू का स्वभाव यहां इस प्रकार क्यों होता है। लाल किताब lal kitab के अनुसार कुण्डली में राशियां नहीं होती हैं। लाल किताब की कुण्डली में भाव और ग्रह होते हैं।
राशि के स्थान पर काल पुरुष की कुण्डली को लिया जाता है। इसके अनुसार प्रथम भाव हमेशा मेष राशि जैसा व्यवहार करेगा। इसी प्रकार दूसरा वृष, तीसरा मिथुन, चौथा कर्क और इसी प्रकार मीन राशि का बारहवां भाव होगा। अब हम देखते हैं कि राहू का किन राशियों के अधिपति के प्रति अनुकूल होता है, उन राशियों वाले भावों में राहू के अपेक्षाकृत अनुकूल परिणाम मिलेंगे और अन्य राशियों में प्रतिकूल।
हर भाव में राहू का अपना प्रभाव है। अगर अनुकूल भी है तो उसके प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है और प्रतिकूल है तो उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। आप स्वयं जान सकते हैं कि आपकी कुण्डली में राहू कौनसे स्थान पर है, उसका क्या प्रभाव है और उसका क्या उपचार किया जा सकता है।
राहू का पहले भाव में फल
पहला घर मंगल और सूर्य से प्रभावित होता है, यह घर किसी सिंहासन की तरह होता है। पहले घर में बैठा ग्रह सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। जातक अपनी योग्यता से बडा पद प्राप्त करेगा। उसे सरकार से भी अच्छे परिणाम मिलेंगे। इस घर में राहू उच्च के सूर्य के समान परिणाम देगा। लेकिन सूर्य जिस भाव में बैठा है उस भाव के फल प्रभावित होंगे। यदि मंगल, शनि और केतू कमजोर हैं तो राहू बुरे परिणाम देगा अन्यथा यह पहले भाव में अच्छे परिणाम देगा। यदि राहू नीच का हो तो जातक को कभी भी ससुराल वालों से बिजली के उपकरण या नीले कपडे नहीं लेने चाहिए, अन्यथा उसके पुत्र पर बुरा प्रभाव पडता है। राहू के दुष्परिणाम 42 साल की उम्र तक मिलते हैं।
उपाय:
(1) बहते पानी में 400 ग्राम सुरमा बहाएं।
(2) गले में चांदी पहनें।
(3) 1:4 के अनुपात में जौ में दूध मिलाए और बहते पानी में बहाएं।
(4) बहते पानी में नारियल बहाएं।
राहू का दूसरे भाव में फल
यदि दूसरे घर में राहू शुभ अवस्था में हो तो जातक पैसा एवं प्रतिष्ठा प्राप्त करता है और किसी राजा की तरह जीवन जीता है। जातक दीर्घायु होता है। दूसरा भाव बृहस्पति और शुक्र से प्रभावित होता है। यदि बृहस्पति शुभ हो तो जातक अपनी प्रारंभिक अवस्था में धन से युक्त व आराम भरी जिन्दगी जीता है। यदि राहू नीच का हो तो जातक गरीब होता है, उसका पारिवारिक जीवन खराब होता है। वह पेट के विकारों से परेशान होता है। जातक पैसे बचाने में असमर्थ होता है और उसकी मृत्यु किसी हथियार से होती है। उसके जीवन के दसवें, इक्कीसवें और बयालीसवें वर्ष में चोरी आदि माध्यमों से उसका धन खो जाता है।
उपाय:
(1) चांदी की एक ठोस गोली अपनी जेब में रखें।
(2) बृहस्पति से सम्बंधित चीजें जैसे सोना, पीले कपड़े और केसर आदि उपयोग में लाएं।
(3) माँ के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखें।
(4) शादी के बाद ससुराल वालों से कोई बिजली का उपकरण न लें।
राहू का तीसरे भाव में फल
यह राहु का पक्का घर है। तीसरा घर बुध और मंगल से प्रभावित होता है। यदि यहां राहू शुभ हो तो, बहुत धन दौलत वाला और दीर्घायु होता। वह एक निडर और वफादार दोस्त होता है। वह सपनों के माध्यम से भविष्य देख सकेगा। वह कभी नि:संतान नहीं होगा। वह शत्रुओं पर विजय पाने वाला होगा। वह कभी भी कर्जदार नहीं रहेगा। वह अपने पीछे सम्पत्ति छोड जाएगा। अपने जीवन के 22वें वर्ष में वह प्रगति करेगा। लेकिन अगर राहू तीसरे घर में अशुभ है तो उसके भाई और रिश्तेदार अपने पैसे बर्बाद करेंगे। वह किसी को पैसे उधार देगा तो वापस नहीं मिलेंगे। जातक में वाणी दोष होगा और वह नास्तिक होगा। यदि सूर्य और बुध भी राहू के साथ तीसरे घर में हों तो उसकी बहन अपनी उम्र के 22वें या 32वें साल में विधवा हो सकती है।
उपाय:
(1) घर में कभी भी हाथीदांत या हाथीदांत की वस्तुएं न रखें।
राहू का चौथे भाव में फल
यह घर चंद्रमा का है जो कि राहू क शत्रु है। जब इस घर में रहु शुभ हो तो जातक बुद्धिमान, अमीर और अच्छी चीजों पर पैसे खर्च करने वाला होगा। तीर्थ यात्रा पर जाना जातक के लिए फायदेमंद होगा। यदि शुक्र भी शुभ हो तो शादी के बाद जातक के ससुराल वाले भी अमीर हो जाते हैं और जातक को उनसे भी लाभ मिलता है। यदि चंद्रमा उच्च का हो तो जातक बहुत अमीर हो जाता है और बुध से संबंधित कामों से बहुत लाभ कमाता है। यदि राहू नीच का या अशुभ हो और चंद्रमा कमजोर हो तो जातक गरीब होता है और जातक की मां परेशान होती है। कोयले का एकत्रीकरण, शौचालय फेरबदल, जमीन में तंदूर बनाना और छ्त में फेरबदल करना हानिकारक होगा।
उपाय:
(1) चांदी पहनें।
(2) 400 ग्राम धनिया या बादाम दान करें अथवा दोनो को पानी में बहाएं।
राहू का पांचवें भाव में फल
पांचवां घर सूर्य का होता है जो पुरुष संतान का संकेतक है। यदि राहू शुभ हो तो जातक अमीर, बुद्धिमान और स्वस्थ होता है। वह अच्छी आमदनी और अच्छी प्रगति का आनंद पाता है। जातक भक्त या दार्शनिक होता है। यहां स्थित नीच का राहू गर्भपात करवाता है। पुत्र के जन्म के बाद जातक की पत्नी बारह सालों तक बीमार रहती है। यदि बृहस्पति भी पांचवें भाव मेम स्थित हो तो जातक के पिता को कष्ट होगा।
उपाय:
(1) अपने घर में चांदी से बना हाथी रखें।
(2) शराब, मांशाहार, अण्डे के सेवन और व्यभिचार से बचें।
(3) अपनी पत्नी से ही दो बार शादी करें।
राहू का छठें भाव में फल
इस घर बुध या केतु से प्रभावित होता है। राहू यहां उच्च का होता है और अच्छे परिणाम देता है। जातक सभी प्रकार की झंझटों या मुसीबतों के मुक्त होगा। जातक कपड़ों पर पैसा खर्च करेगा। जातक बुद्धिमान और विजेता होगा। जब राहु अशुभ हो तो वह अपने भाइयों या दोस्तों को नुकसान पहुंचाएगा। जब बुध या मंगल ग्रह बारहवें भाव में हों तो राहु बुरा परिणाम देता है। जातक विभिन्न बीमारियों या धनहानि से ग्रस्त होता है। किसी काम पर जाते समय छींक का होना जातक के लिए अशुभफलदायी होगा।
उपाय:
(1) एक काला कुत्ता पालें।
(2) अपनी जेब में काला सुरमा रखें।
(3) भाइयों / बहनों को कभी नुकसान न पहुंचाएं।
राहू का सातवें भाव में फल
जातक अमीर होगा लेकिन पत्नी बामार होगी। वह अपने दुश्मनों पर विजयी होगा। उम्र के इक्कीस साल से पहले शादी का होना अशुभ होगा। जातक के सरकार के साथ अच्छे संबंध होंगे। लेकिन यदि जातक राहू से संबंधित व्यवसाय जैसे बिजली के उपकरणों के व्यापार से जुडेगा तो उसे नुकसान होगा। जातक सिर दर्द से पीड़ित होगा। यदि बुध शुक्र अथवा केतू ग्यारहवें भाव में हों तो राहू बहन, पत्नी या बेटे को नष्ट करेगा।
उपाय:
(1) 21 साल की उम्र के पहले शादी न करें।
(3) नदी में छह नारियल प्रवाहित करें।
राहू का आठवें भाव में फल
आठवें घर का संबध शनि और मंगल ग्रह से होता है। इसलिए इस भाव का राहू अशुभ फल देता है। जातक अदालती मामलों में बेकार में पैसे खर्च करता है।परिवारिक जीवन भी प्रतिकूलता से प्रभावित होता है। यदि मंगल ग्रह शुभ हो तथा पहले या आठवें घर में हो अथवा शुभ शनि आठवें घर में हो तो जातक बहुत अमीर होगा।
उपाय:
(1) चांदी का एक चौकोर टुकड़ा पास रखें।
(2) सोते समय तकिये के नीचे सौंफ रखें।
(3) बिजली का काम या बिजली विभाग में काम न करें।
राहू का नौवें भाव में फल
नौवां घर बृहस्पति से प्रभावित होता है। यदि जातक का अपने भाइयों और बहनों के साथ अच्छा संबंध है तो यह यह फायदेमंद होगा, अन्यथा जातक पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। यदि जातक धार्मिक स्वभाव का नहीं है तो जातक की संतान जातक के लिए बेकार रहेगी। शनि से संबम्धित व्यापार फायदेमंद रहेगा। यदि बृहस्पति पांचवें या ग्यारहवें घर में हो तो यह निष्प्रभावी होगा। यदि राहू अशुभ होकर नौवें भाव में हो तो पुत्र प्राप्ति की संभावनाएं कम रहती हैं, खासकर तब और जब जातक अपने किसी सगे रिश्तेदार कि खिलाफ कोई अदालती मामला दायर करता है। यदि राहू नौवें भाव में हो और पहला भाव खाली हो तो जातक का स्वास्थ्य पीडित होता है और जातक उम्र में बडे लोगों के द्वारा अपमानित होता है और मानसिक रूप से प्रताडित होता है।
उपाय:
(1) प्रतिदिन केसर का तिलक लगाएं।
(2) सोना पहनें।
(3) कुत्ता न पालें लेकिन समस्या होने पर कुत्ते को भोजन कराएं। कुत्ता रखने से संतान रक्षा होगी।
(4) ससुराल वालों से अच्छे संबंध बनाकर रखें।
राहू का दसवें भाव में फल
सिर के ऊपर कुछ न पहनना दसम भाव में स्थित दुर्बल राहु का प्रभाव देता है। राहू का अच्छा या बुरा परिणाम शनि की स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि शनि शुभ है तो जातक बहादुर, दीर्घायु, और अमीर होता है तथा उसे सभी प्रकार से सम्मान मिलता है। यदि दसवें भाव में राहू चन्द्रमा के साथ हो तो यह राज योग बनाता है। जातक अपने पिता के लिए भाग्यशाली होता है। यदि यहां पर राहू अशुभ हो तो जातक की मां पर बुरा असर पडता है और जातक का स्वास्थ्य भी खराब होगा। यदि चंद्रमा चतुर्थ भाव में अकेला हो तो जातक की आंखों पर बुरा प्रभाव पडेगा। जातक सिर दर्द से पीड़ित होगा और उसे किसी काले व्यक्ति के द्वारा धन हानि होगी।
उपाय:
(1) नीली या काली टोपी पहनें।
(2) सिर को ढक कर रखें।
(3) किसी मंदिर में 4 किलो या 400 ग्राम खांड चढाएं अथवा पानी में बहाएं।
(4) अंधे लोगों को खाना खिलाएं।
राहू का ग्यारहवें भाव में फल
ग्यारहवां घर शनि और बृहस्पति दोनो के प्रभाव में होता है। जब तक जातक के पिता जीवित हैं तब तक जातक अमीर होगा। वैकल्पिक रूप से, बृहस्पति की वस्तुएं रखना सहयोगी सिद्ध होंगी। जातक के दोस्त अच्छे नहीं होंगे। उसे मतलबी लोगों से पैसा मिलेगा। पिता की मृत्यु के बाद जातक को गले में सोना पहनना चाहिए। यदि राहू के साथ नीच का मंगल ग्यारहवें भाव में हो तो जातक के जन्म के समय घर में सारी चीजें होंगी लेकिन धीरे धीरे करके सारी चीजें बरबाद होनें लगेंगी। यदि ग्यारहवें भाव में अशुभ राहू हो तो जातक के अपने पिता सम्बंध ठीक नहीं होंगें यहां तक की जातक उन्हें मार भी सकता है। दूसरे भाव में स्थित ग्रह शत्रु की तरह कार्य करेंगे। यदि बृहस्पति या शनि तीसरे या ग्यारहवें भाव में हों तो शरीर में लोहा पहनें और चांदी की गिलास में पानी पिएं। पांचवें भाव में स्थित केतू बुरे परिणाम देगा। कान, रीढ़, मूत्र से संबंधित समस्याएं या रोग हो सकते हैं। केतु से संबंधित व्यापार में नुकसान हो सकता है।
उपाय:
(1) लोहा पहनें और पीने के पानी के लिए चांदी का गिलास का प्रयोग करें।
(2) कभी भी कोई बिजली का उपकरण उपहार के रूप में न लें।
(3) नीलम, हाथीदांत या हाथी का खिलौने से दूर रहें।
राहू का बारहवें भाव में फल
बारहवां घर बृहस्पति से संबंधित होता है। यह शयन सुख का घर होता है। यहां स्थित राहु मानसिक परेशानियां और अनिद्रा देता है। यह बहनों और बेटियों पर अत्यधिक व्यय भी करवाता है। यदि राहु शत्रु ग्रहों के साथ हो तो आप कितनी भी मेहनत कर लें आपके खर्चे आपकी आमदनी से अधिक ही रहेंगे। यह झूठे आरोप भी लगवाता है। जातक आत्महत्या की चरमसीमा तक जा सकता है। जातक मानसिक चिंताओं से घिरा रहता है। झूठ बोलना, दूसरों को धोखा आदि देना राहु को और भी हानिकर बानाता है। किसी भी नए काम की शुरुआत में अशुभ परिणाम मिलते हैं। चोरी, बामारी और झूठे आरोपों के लगने का भय रहता है। यदि यहां राहू के साथ मंगल भी हो तो अच्छे परिणाम मिलते हैं।
उपाय:
(1) रसोई में बैठ कर ही भोजन करें।
(2) रात में अच्छी नींद के लिए तकिये के नीचे सौंफ और खांड रखें।
लाल किताब के ये उपचार पुस्तकों में वर्णित और अन्य ज्योतिषियों द्वारा अनुभूत हैं, लेकिन ये उपचार भोथरे तरीके से लागू नहींं होते। अकादमिक स्तर पर इन उपचारों को समझने के बाद व्यवहारिक उपयोग के लिए हमें अन्य ग्रहों की स्थितियां भी देखनी होंगी, क्योंकि लाल किताब दो ग्रहों के मिलाने पर मसनुई ग्रह बनने की स्थिति बताती है। दूसरी ओर राहू जिस ग्रह के साथ बैठा है, जिस ग्रह की दृष्टि हो और जिस ग्रह से प्रभाव ले रहा हो, उसका असर भी देेखना पड़ेगा, उसके बाद ही ठोस उपाय का निर्णय किया जा सकता है। उपरोक्त परिणाम किसी स्थान विशेष पर बिना किसी दूसरे प्रभाव के राहू के असर हैं। इन्हें इसी रूप में देखा जाए।
Rahu placement in Kendra rather than the normal house will confer good results. (specifically 5/10/11 alone)
Rahu nakshatra is more important then sign occupied, and here need to carefully see the pad of the nakshatra. If it is in last pad, then sign will be more effective.(If degree wise weaker than house and Saturn placement matters for rahu).
I will start for BADSHAH of Kaliyug.
1) Rahu in 1st house- This is the very good placement for rahu but on different side ketu extremely bad in 7th. If rahu well placed in 1st, then it gives high ambition, never die attitude, executive position, luxury and wealth. Well placed Rahu makes a person Top most executives, CEO, world ly success person, politician or software top notch person in this house. Marriage can take place happily if well-placed Venus or Jupiter or strong D-9 chart without afflicting by any cruel planet. It gives sharp mind and if rahu badly placed then greediness also. This type person short-tempered and ambitious if they do not achieve something in life,then their eye on other`s money. Sometimes they are totally dependent other`s wealth if debilitated rahu there. In one side this placement makes you successful person in life but on other hand ketu literally ketu in 7th house in 90 % cases damages marriage.
2) Rahu in 2nd house- Rahu if well placed alone here then good otherwise it gives vani-dosh, person will never will be dear one of anyone or families. In the second house Rahu gives wealth, but only after the age of 30, and it brings huge amount of wealth, sometime partners wealth. Rahu in the 2nd house makes bad relationship with family members, the native always indulge in argue with family and relative. Dealings and communication will be bad. Marital life is always painful if badly placed rahu here. Person always eye on others money if bad. And if it is heavily afflicted and Jupiter for women and Venus for men is also not well placed then divorce sure happens.
3) Rahu in 3rd house- Third house rahu is absolutely good position .This is the house of communication and power ,so rahu feels very comfortable here, good media man have this position even lot of plication also seen by this placement. This is also a good house for a rahu for computer or technical field. If other placement also strong then these native easily change their profession as political leaders.
4) Rahu in 4th house- Extremely bad position for rahu, why?4th house rahu itself a big curse and simultaneously ketu in 10th is worst(because ketu is not the planet for 10th house) if ketu placed alone then very bad for profession life, so these two big house if bad in chart then lot of problems will come in this life span. It damages the peace in home, they desire to have a peaceful home but this desire not easily achieve by these natives. In very few cases 4th house rahu gives good result’s bcoz ketu should be strong also, if strong then lot of houses, lands, vehicles etc.
5 ) Rahu in 5th house- This is a average house for Rahu, as it makes a person extrovert, moody in romance, creative and intelligence if strongly placed, It gives wealth through investments, but somehow damages the children area for ex: sometimes deny child or huge differences with children in later age. Overall mean somehow it will damage your affairs or lot of affairs, impacted children. In Money point of view it is good position if 11 house lord also good.
6 ) Rahu in 6th house- This is the good position for Rahu because it destroys enemies, This is the good position for any profession but for lawyer, judiciary, media, entertainment, politician takes maximum benefits from this placement of rahu. Most people with this position in strong position in career. But if rahu badly placed and Ascendent also weak then lot of disease even some hidden disease also. This placemnt of rahu if well placed then brings huge wealth also because earthy house and rahu is planet of earth or likes earth materialism which can achieve only in earth.
7) Rahu in 7th house- This is not good placement for marriage and married life, person nature dominative ,that is not good for marriage life. One always taken their point of view as priority. It gives very strong chances of love marriage out of caste/community. One very interesting point of this rahu placement is person becomes very religious. This is a good position for business, large organization. This is 4th from 4th house so good house for gaining popularity in mass and gains through wife. Wife comes from media or MBA related field depends on sign mainly. If Jupiter/Venus/mercury strong then marriage life will be good otherwise some problems may come.
8) Rahu in 8th house- Extremely bad position for rahu. Loss of health, accident issues and struggling life, Life-span also impacted sometimes. Marriage life will be in trouble if other safeguard of horoscopes also badly placed. This Rahu however produces a night worker, smuggler, alcoholic, joins many women, Criminal, relation with bad activities but positive side occult master, doctor and a famous surgeon, medical field guys have Rahu in the 8th house. Rahu want learn occult but it gives only day dreaming and damages occult related knowledge .If strongly placed then lot of money with in-laws and interest in tantra but everything want in short-cut method.
9) Rahu in 9th house- One of the biggest house will destroy by rahu if rahu present here. This is the house of Honesty, truthfulness, principle, religion, culture, and these characteristics are not rahu`s cup of tea. Rahu damages relationship with father or father figure makes a person irreligious. Even it strongly placed but it will affect father surely. Many ups-downs in life. Due to some bad deeds in past life this life also suffer if badly placed. Relation with wife will suffer, loss in foreign land. This can gives sudden luck if well placed with Jupiter and sun but on certain condition only, If these two also placed well in the chart then person will be highly religious.
10) Rahu in 10th house- Master shot of rahu, real badshah of Bollywood(Shahrukh khan) also have this placement. Rahu in the 10th house is the best position for Rahu .Actually rahu is truly materialistic planet and this is pure materialistic house, so this is one of the best position for rahu. It gives immense wealth, worldly fame, strong will, good relation with highly reputed peoples. Rahu in the 10th house makes a person wealthy, famous, huge success in media/entertainment/software. Rahu gives very class and diplomatic nature which can easily attract anyone if mercury also supporting in the chart. If exalted and well placed then worldwide fame.
11) Rahu in 11th house- Good house for rahu again, but whenever rahu placed in this house then please analyze carefully because this is the house of your desires and dreams and this is the house which tells your desire will fulfill or not. Rahu in the 11th house gives massive amount of wealth, especially during its Dasha. This makes billionaire. But bad for children and for women it gives some child related problem or abortion. This Rahu gives huge success after age of 31 or 34.
12) Rahu in 12th house- Overall not good placement for rahu, because this is moksha house and rahu involvement in materialistic world. Alcoholic some time sex alcoholic also because this is house of bed pleasure, black magic, some criminal activities may give you some stress in later part of life. This Rahu takes a person to foreign lands for permanent settlement but if placement is bad then people will always unsatisfied in foreign lands. If it is with mercury then gives writing skill mainly in area of tantra/fiction related.
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