अगर आपके जीवन में कोई परेशानी है, जैसे: बिगड़ा हुआ दांपत्य जीवन , घर के कलेश, पति या पत्नी का किसी और से सम्बन्ध, निसंतान माता पिता, दुश्मन, आदि, तो अभी सम्पर्क करे. +91-8602947815

Nakshatra Jyotish नक्षत्र ज्योतिष

Nakshatra Jyotish  नक्षत्र ज्योतिष 

भारतीय वैदिक ज्योतिष में नक्षत्र सिद्धांत को प्रमुखता से स्थान दिया गया है. भविष्यकथन हेतु नक्षत्र पद्धति ज्योतिष की अन्य सभी प्रचलित पद्धतियों में सबसे सटीक व अचूक पद्धति है. चंद्रमा को अपनी कक्षा में भ्रमण करते हुये पृथ्वी की एक परिक्रमा करने में 27.3 अर्थात करीब सवा सत्ताईस दिन लगते हैं. चंद्रमा के 360 अंशों के इस परिभ्रमण पथ को ही 27 समान भागों में बांटा गया है, जिन्हे नक्षत्र कहा जाता है. और इन्हें ही पृथ्वी पर पाये जाने वाले विभिन्न पदार्थों, जीवों, प्राणियों की समानता के आधार पर एवं उनके तारामंडलों के गुण धर्म के आधार पर नामकरण किया गया है. हर एक नक्षत्र एक विशिष्ट तारों के समूह का प्रतिनिधित्व करता है. और हर नक्षत्र का विभाजन 4 चरणों में किया गया है. जातक का जन्म जिस नक्षत्र के जिस चरण में हुआ है, उसी के अनूरूप उसका नाम, व्यक्तित्व, जीवन-चरित्र और भविष्य तय होता है.

गुण धर्म, प्रकृति के आधार पर सम्पूर्ण 27 नक्षत्रों का तीन समूहों में विभाजन किया गया है-----
(1)देव प्रकृति:-अश्विनी, म्रृगशीर्ष, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, स्वाति, अनुराधा, श्रवण और रेवती नक्षत्र
(2)मनुष्य प्रकृति:-भरणी, रोहिणी, पूर्वा फ़ाल्गुनी, उत्तरा फ़ाल्गुनी, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और आद्रा नक्षत्र
(3)राक्षस प्रकृति:- कृतिका, आश्लेषा, मघा, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र.




क्रम
नक्षत्र नाम
वैदिक नाम
वेदांग ज्योतिष नाम
अंग्रेजी नाम


1
अश्विनी
अश्वयुज
जौ
ARIETES
2
भरणी
अपभरणी
ण्य:
MUSCA
3
कृतिका
कृतिका
कृ
ALCYONE
4
रोहिणी
रोहिणी
रो
ALDE BARAN
5
मृगशिरा
मृगशीर्ष
मृ
ORIONIS
6
आद्रा
बाहू
द्र्र्र्
ORIONIS II
7
पुनर्वसु
पुनर्वसु
सू
GEMINORUM
8
पुष्य
तिष्य
ष्य
CANCRI
9
आश्लेषा
अश्लेषा
षा
HYDRAE
10
मघा
मघा
धा
REGULAS
11
पूर्वाफाल्गुनी
फल्गुनी
ग:
LEONIS
12
उत्तराफाल्गुनी
उत्तराफाल्गुनी
मा
DENEBOLA
13
हस्त
हस्त्य
CORVI
14
चित्रा
चित्रा
चित्त्
SPICA
15
स्वाति
निष्टया
स्वा
ARCTURUS
16
विशाखा
विशाखा
खे
LIBRAE
17
अनुराधा
अनुराधा
धा
SCORP II
18
ज्येष्ठा
ज्येष्ठा
ज्ये
ANTARES
19
मूल
विचृतौ
मू
SCORPIONIS
20
पूर्वाषाढा
अषाढा
प:
SAGITTAR I
21
उत्तराषाढा
अषाढा उत्तरा
श्वे
SAGITTAR II
22
श्रवण
श्रोणा
न:
AQUILAE
23
धनिष्ठा
श्रविष्ठा
ष्ठा
DELPHINI
24
शतभिषा
शतभिषक
षक्
AQUAR II
25
पूर्वाभाद्रपद
प्रोष्ठपद
अज:
PEGASI/ MARKAB
26
उत्तराभाद्रपद
पृष्ठपद
हि:
PEGASI/ ANDROMEDA
27
रेवती
रेवती
रे
PISCIUM

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...